Advertisement

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के नए नियम हुए लागू! जानें नए नियम वरना पड़ सकता है पछताना – Property Registration Rules

Property Registration Rules जीवन में कुछ निर्णय ऐसे होते हैं जो हमारे भविष्य को आकार देते हैं, और प्रॉपर्टी खरीदना उन्हीं में से एक है। यह एक ऐसा निवेश है जो न केवल हमारी वर्तमान जरूरतों को पूरा करता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मार्च 2025 से प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन किए गए हैं? इन परिवर्तनों का उद्देश्य एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करना है जो पारदर्शी, सुरक्षित और डिजिटल हो।

डिजिटल युग में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन

पेपरलेस रजिस्ट्रेशन का नया दौर

पहले जहां प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी कतारों में खड़े होना पड़ता था, वहीं अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो गई है। मार्च 2025 से लागू नए नियमों के अनुसार, आप अपने घर बैठे ही मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि बिचौलियों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी पर भी अंकुश लगेगा।

सरकार द्वारा विकसित विशेष पोर्टल पर आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद, आवेदक को एक विशिष्ट पहचान संख्या दी जाती है, जिसके माध्यम से वे प्रक्रिया की स्थिति की जांच कर सकते हैं। यह पारदर्शिता सुनिश्चित करता है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद करता है। डिजिटल रजिस्ट्रेशन सिस्टम से यह भी सुनिश्चित होता है कि सभी रिकॉर्ड सुरक्षित और सुलभ हों।

Also Read:
₹18,000 है बेसिक सैलरी? तो 8वें वेतन आयोग में बढ़कर ₹79,794 तक पहुंच सकता वेतन 8th Pay Commission

आधार कार्ड का अनिवार्य एकीकरण

नए नियमों के तहत, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम बेनामी संपत्तियों पर अंकुश लगाने और वास्तविक मालिकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। आधार कार्ड से जुड़े बायोमेट्रिक डेटा के माध्यम से, सरकार यह सुनिश्चित करती है कि प्रॉपर्टी का लेनदेन पूरी तरह से वैध और प्रामाणिक है।

इसके अलावा, आधार कार्ड से लिंकिंग फर्जी दस्तावेजों के उपयोग को रोकने में मदद करती है। प्रत्येक प्रॉपर्टी लेनदेन के दौरान, खरीदार और विक्रेता दोनों का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि दोनों पक्ष वास्तविक हैं और उनकी सहमति से लेनदेन हो रहा है।

पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए उपाय

वीडियो रिकॉर्डिंग का महत्व

नए नियमों के अनुसार, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी गई है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो भविष्य में किसी भी कानूनी विवाद को सुलझाने में मदद कर सकता है। वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से, यह स्पष्ट रूप से दिखाया जा सकता है कि लेनदेन के दौरान क्या हुआ और कौन मौजूद था।

Also Read:
क्या एक महीने में ठीक हो जाता है सिबिल स्कोर, लोन लेने वाले जान लें ये जरूरी बात CIBIL Score Rule

यह प्रक्रिया विशेष रूप से उन मामलों में महत्वपूर्ण है जहां प्रॉपर्टी के मालिकाना हक पर विवाद हो सकता है। वीडियो रिकॉर्डिंग से यह भी सुनिश्चित होता है कि कोई भी व्यक्ति दबाव में आकर या धोखे से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहा है।

ई-स्टांपिंग: एक नया अध्याय

पारंपरिक स्टांप पेपर के स्थान पर, सरकार ने ई-स्टांपिंग प्रणाली को अपनाया है। इस प्रणाली के तहत, स्टांप ड्यूटी का भुगतान ऑनलाइन किया जाता है और एक विशिष्ट ई-स्टांप सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। यह प्रणाली न केवल नकली स्टांप पेपरों के उपयोग को रोकती है बल्कि प्रक्रिया को अधिक कुशल और पारदर्शी भी बनाती है।

ई-स्टांपिंग के माध्यम से, सरकार स्टांप ड्यूटी के संग्रह पर भी नजर रख सकती है, जिससे राजस्व हानि को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, ई-स्टांप सर्टिफिकेट को ऑनलाइन सत्यापित किया जा सकता है, जो इसे और अधिक विश्वसनीय बनाता है।

Also Read:
RBI अलर्ट: सबसे ज्यादा नकली नोट 100 के! जानिए कैसे करें असली-नकली में फर्क – RBI Guidelines

फर्जी दस्तावेजों और विवादित संपत्तियों पर कड़ी कार्रवाई

फर्जी दस्तावेजों के खिलाफ शून्य सहनशीलता

नए नियमों के तहत, अगर किसी व्यक्ति द्वारा फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन कराने का प्रयास किया जाता है, तो न केवल उनका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। यह कदम संपत्ति के वास्तविक मालिकों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।

इसके अलावा, डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रणाली में उन्नत सत्यापन तंत्र शामिल किए गए हैं जो संदिग्ध दस्तावेजों की पहचान कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि केवल वैध और प्रामाणिक दस्तावेजों का ही उपयोग किया जाए।

विवादित संपत्तियों पर प्रतिबंध

एक और महत्वपूर्ण नियम जो मार्च 2025 से लागू किया गया है, वह है विवादित संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध। अगर किसी प्रॉपर्टी पर कोई कानूनी विवाद चल रहा है, तो उसका रजिस्ट्रेशन तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि विवाद पूरी तरह से सुलझ न जाए।

Also Read:
लाखों की कमाई के बाद भी लोन नहीं मिलेगा, जानिए सिबिल स्कोर के नियम CIBIL Score

यह नियम खरीदारों को भविष्य में होने वाली कानूनी समस्याओं से बचाता है। इसके लिए, सरकार ने एक केंद्रीकृत डेटाबेस विकसित किया है जहां सभी विवादित संपत्तियों का रिकॉर्ड रखा जाता है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान, प्रत्येक प्रॉपर्टी की जांच इस डेटाबेस के खिलाफ की जाती है।

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज

नए नियमों के तहत, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज अनिवार्य हैं:

  1. मूल स्वामित्व प्रमाण पत्र: यह दस्तावेज प्रॉपर्टी के वर्तमान मालिक के कानूनी अधिकार को प्रमाणित करता है। इसमें पिछले सभी स्वामित्व हस्तांतरण का विवरण भी शामिल होता है।
  2. खरीद-बिक्री समझौता: यह खरीदार और विक्रेता के बीच का अनुबंध है जिसमें लेनदेन की सभी शर्तें और निबंधन उल्लिखित होते हैं।
  3. नवीनतम प्रॉपर्टी टैक्स रसीदें: ये रसीदें यह प्रमाणित करती हैं कि प्रॉपर्टी पर कोई बकाया कर नहीं है। नए नियमों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों की टैक्स रसीदें प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
  4. पहचान प्रमाण: खरीदार और विक्रेता दोनों को अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड, और अन्य पहचान प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे।
  5. फोटोग्राफ और बायोमेट्रिक डेटा: नए नियमों के तहत, खरीदार और विक्रेता दोनों के नवीनतम फोटोग्राफ और बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन) भी आवश्यक हैं।

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले महत्वपूर्ण सावधानियां

  1. दस्तावेजों की गहन जांच: किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले, उसके सभी दस्तावेजों की विस्तृत जांच करवाएं। इसमें मूल स्वामित्व प्रमाण पत्र, प्रॉपर्टी टैक्स रसीदें, और अन्य संबंधित दस्तावेज शामिल हैं।
  2. प्रॉपर्टी के इतिहास की जांच: नए डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से, प्रॉपर्टी के पूरे इतिहास की जांच करें। यह जानकारी अब ऑनलाइन उपलब्ध है और इससे आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि प्रॉपर्टी पर कोई विवाद या बकाया ऋण नहीं है।
  3. लीगल एक्सपर्ट से परामर्श: हमेशा एक योग्य कानूनी विशेषज्ञ से परामर्श करें जो आपको प्रॉपर्टी के कानूनी पहलुओं को समझने में मदद कर सके। वे आपको किसी भी संभावित जोखिम या समस्या के बारे में सलाह दे सकते हैं।
  4. बैंक लोन प्रक्रिया की जांच: अगर आप बैंक लोन के माध्यम से प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि बैंक द्वारा प्रॉपर्टी के सभी दस्तावेजों की जांच की गई है। बैंक अक्सर अपने कानूनी विशेषज्ञों से प्रॉपर्टी के दस्तावेजों की जांच करवाते हैं।

नए नियमों से मिलने वाले लाभ

त्वरित और सरल प्रक्रिया

नए डिजिटल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के साथ, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक तेज और सरल हो गई है। पहले जहां यह प्रक्रिया महीनों तक चल सकती थी, वहीं अब इसे कुछ ही दिनों में पूरा किया जा सकता है। यह न केवल समय की बचत करता है बल्कि प्रक्रिया से जुड़ी परेशानियों को भी कम करता है।

Also Read:
पर्सनल लोन नहीं भरने पर क्या कर सकता है बैंक, लोन लेने वाले जान लें नियम Personal Loan Rule

धोखाधड़ी में कमी

नए नियमों और डिजिटल प्रणालियों के कारण, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों में भारी कमी आई है। आधार कार्ड लिंकिंग, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, और वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे उपायों से यह सुनिश्चित होता है कि सभी लेनदेन पारदर्शी और वैध हों।

केंद्रीकृत डेटाबेस

सभी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन अब एक केंद्रीकृत डिजिटल डेटाबेस में संग्रहीत किए जाते हैं। इससे न केवल रिकॉर्ड की सुरक्षा बढ़ती है बल्कि सरकार को बेनामी संपत्तियों और कर चोरी की पहचान करने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा, यह डेटाबेस प्रॉपर्टी के इतिहास और स्वामित्व की जांच को भी आसान बनाता है।

मार्च 2025 से लागू हुए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के नए नियम न केवल प्रक्रिया को आधुनिक और डिजिटल बनाते हैं बल्कि इसे अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल भी बनाते हैं। ये नियम प्रॉपर्टी से जुड़ी धोखाधड़ी को कम करने और खरीदारों के हितों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Also Read:
RBI का तोहफा, घटी Repo Rate, EMI में मिलेगी राहत Repo Rate:

अगर आप भी प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इन नए नियमों के बारे में जानकारी रखना आवश्यक है। इससे न केवल आप कानूनी झंझटों से बच सकेंगे बल्कि प्रॉपर्टी खरीदने की प्रक्रिया भी आपके लिए सरल और सुविधाजनक हो जाएगी। याद रखें, एक सूचित निर्णय ही सर्वोत्तम निर्णय होता है, खासकर जब बात आपके जीवन के सबसे बड़े निवेशों में से एक की हो।

 

Also Read:
सिबिल स्कोर पर RBI ने बनाए 6 नए नियम, अब सस्ता मिलेगा लोन – CIBIL Score Rule Update

Leave a Comment

Whatsapp Group