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होम लोन नहीं चुकाने पर बैंक की कार्रवाई, जानिए कब बनते हैं आप डिफॉल्टर Loan EMI Rules

Loan EMI Rules अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, और इस सपने को पूरा करने के लिए अधिकांश लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। हालांकि, होम लोन लेना आसान हो सकता है, लेकिन उसकी नियमित किस्तों (EMI) का भुगतान करना कई बार चुनौतीपूर्ण हो जाता है। आर्थिक उतार-चढ़ाव, नौकरी छूटना, स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियां या अन्य वित्तीय दबाव EMI के समय पर भुगतान में बाधा बन सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि होम लोन की EMI न चुकाने पर क्या परिणाम होते हैं और बैंक कब और कैसे कार्रवाई करता है।

होम लोन EMI न चुकाने के शुरुआती परिणाम

जब आप पहली बार अपनी EMI का भुगतान नहीं कर पाते, तो बैंक आमतौर पर निम्न कदम उठाता है:

1. रिमाइंडर और लेट फीस

  • बैंक आपको फोन कॉल, SMS या ईमेल के माध्यम से भुगतान का रिमाइंडर भेजेगा
  • भुगतान में देरी के लिए लेट फीस लगाई जाएगी (आमतौर पर बकाया राशि का 1-2%)
  • ये शुल्क आपके अगले बिल में जोड़ दिए जाएंगे, जिससे आपका वित्तीय बोझ और बढ़ जाएगा

2. क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव

  • एक बार EMI का भुगतान न करने पर भी आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है
  • CIBIL और अन्य क्रेडिट ब्यूरो इस जानकारी को रिकॉर्ड करते हैं
  • निम्न क्रेडिट स्कोर भविष्य में किसी भी ऋण या क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति में बाधा बन सकता है

लगातार EMI न चुकाने पर बैंक की कार्रवाई

जब कोई कर्जदार लगातार EMI का भुगतान नहीं करता, तो बैंक अधिक गंभीर कदम उठाना शुरू करता है:

1. औपचारिक नोटिस (दो EMI न चुकाने के बाद)

  • दो लगातार EMI न चुकाने पर, बैंक औपचारिक नोटिस भेजता है
  • इस नोटिस में आपको एक निश्चित समय अवधि में बकाया राशि चुकाने को कहा जाता है
  • बैंक के अधिकारी आपसे व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकते हैं

2. कानूनी नोटिस (तीन EMI न चुकाने के बाद)

  • तीन लगातार EMI न चुकाने पर, बैंक कानूनी नोटिस जारी करता है
  • यह नोटिस आपको सूचित करता है कि बैंक आपके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकता है
  • इस स्तर पर, आपको बैंक से बातचीत करके समझौता करने का अंतिम मौका मिलता है

NPA की श्रेणियां: जब आपका लोन खाता डिफॉल्ट होता है

अगर 90 दिनों (लगभग तीन महीने) तक EMI का भुगतान नहीं किया जाता, तो बैंक आपके लोन अकाउंट को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित कर देता है। NPA की तीन मुख्य श्रेणियां हैं:

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1. सबस्टैंडर्ड एसेट्स

  • यह वर्गीकरण NPA घोषित होने के बाद पहले 12 महीनों के लिए लागू होता है
  • इस अवधि में बैंक आपके साथ बातचीत करके समझौते का प्रयास करता है
  • बैंक इस दौरान लोन रिस्ट्रक्चरिंग, EMI की राशि कम करने या चुकौती अवधि बढ़ाने जैसे विकल्प प्रदान कर सकता है

2. डाउटफुल एसेट्स

  • 12 महीने बाद लोन खाता डाउटफुल एसेट्स की श्रेणी में आ जाता है
  • इस स्थिति में बैंक यह मानता है कि लोन वसूली संदिग्ध है
  • बैंक वसूली के लिए अधिक सख्त उपाय अपनाना शुरू करता है

3. लॉस एसेट्स

  • जब बैंक को लगता है कि लोन की वसूली असंभव है, तो खाते को लॉस एसेट माना जाता है
  • इस स्तर पर, बैंक आपकी संपत्ति को जब्त करने और उसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है

SARFAESI अधिनियम और संपत्ति की नीलामी

भारत में, बैंक SARFAESI अधिनियम (सिक्योरिटाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट एक्ट, 2002) के तहत कार्रवाई करते हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत:

1. संपत्ति पर अधिकार

  • बैंक आपको 60 दिन का नोटिस देकर संपत्ति पर अधिकार जमा सकता है
  • इस अवधि में आप अपना बकाया चुका सकते हैं या बैंक से समझौता कर सकते हैं

2. नीलामी प्रक्रिया

  • बैंक को नीलामी से पहले सार्वजनिक नोटिस जारी करना होता है
  • नोटिस में संपत्ति का विवरण, आरक्षित मूल्य और नीलामी की तिथि शामिल होती है
  • आप न्यायालय में जाकर नीलामी को चुनौती दे सकते हैं, विशेषकर यदि आपको लगता है कि संपत्ति का मूल्यांकन कम किया गया है

3. नीलामी के बाद

  • नीलामी से प्राप्त राशि से पहले बैंक का बकाया चुकाया जाता है
  • यदि राशि अधिक होती है, तो शेष आपको लौटा दिया जाता है
  • यदि राशि कम होती है, तो बैंक शेष बकाया वसूलने के लिए आप पर अन्य कानूनी कार्रवाई कर सकता है

EMI में चूक से बचने के उपाय

EMI के भुगतान में समस्या होने पर निम्न कदम उठा सकते हैं:

1. बैंक से संपर्क करें

  • कठिनाई का अनुभव करते ही तुरंत बैंक से संपर्क करें
  • अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से बताएं और समाधान के लिए चर्चा करें
  • अधिकांश बैंक ग्राहकों की समस्याओं को समझते हैं और समाधान निकालने में मदद करते हैं

2. लोन पुनर्गठन (रिस्ट्रक्चरिंग)

  • EMI की राशि कम करने के लिए लोन की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करें
  • कुछ समय के लिए मोरेटोरियम (भुगतान स्थगन) की संभावना तलाशें
  • ब्याज दर में कमी के लिए बातचीत करें

3. बैलेंस ट्रांसफर

  • कम ब्याज दर वाले बैंक में लोन ट्रांसफर करें
  • इससे आपकी EMI कम हो सकती है और भुगतान आसान हो सकता है

4. आपात कोष बनाएं

  • आदर्श रूप से, 3-6 महीने की EMI के बराबर आपात कोष रखें
  • यह अस्थायी वित्तीय संकट के समय सहायक होगा

होम लोन की EMI समय पर चुकाना न केवल आपके क्रेडिट स्कोर के लिए बल्कि आपके द्वारा खरीदे गए घर की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। वित्तीय कठिनाई के समय सबसे बड़ी गलती बैंक से संपर्क न करना और समस्या से मुंह मोड़ लेना है। याद रखें, बैंक नीलामी के पहले कई अन्य विकल्प अपनाते हैं और आमतौर पर ग्राहक को अपना बकाया चुकाने के लिए पर्याप्त समय और अवसर देते हैं।

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अगर आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं या वर्तमान में किसी वित्तीय चुनौती का सामना कर रहे हैं, तो अपने वित्तीय सलाहकार या बैंक के अधिकारी से परामर्श करें। सही समय पर सही कदम उठाकर आप अपने घर को सुरक्षित रख सकते हैं और अपने वित्तीय भविष्य को भी।

याद रखें, एक बार EMI चूकने से आपको डिफॉल्टर नहीं माना जाता, लेकिन यह एक चेतावनी संकेत है जिसे गंभीरता से लेना चाहिए। अपनी आय, खर्च और बचत का नियमित रूप से विश्लेषण करें और अपनी वित्तीय स्थिति के अनुरूप ही कर्ज लें ताकि भविष्य में किसी भी परेशानी से बचा जा सके।

 

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