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RBI का बड़ा फैसला! FD करने वालों को जबरदस्त फायदा, जानें नए नियम RBI FD Rules

RBI FD Rules  वित्तीय सुरक्षा आज के समय में हर व्यक्ति की प्राथमिकता है। ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जैसे निवेश विकल्प का महत्व और भी बढ़ जाता है। भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट हमेशा से एक लोकप्रिय निवेश माध्यम रहा है, विशेषकर उन निवेशकों के लिए जो कम जोखिम में अच्छा रिटर्न चाहते हैं। आज हम आपको फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े नवीनतम नियमों, फायदों और महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में बताएंगे।

फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है?

फिक्स्ड डिपॉजिट एक ऐसा निवेश उपकरण है जिसमें आप एक निश्चित राशि को एक निर्धारित अवधि के लिए जमा करते हैं और इसके बदले में आपको पूर्व निर्धारित ब्याज दर पर रिटर्न मिलता है। यह निवेश का एक सुरक्षित तरीका है, जिसमें आपका मूलधन सुरक्षित रहता है और आपको नियमित आय भी प्राप्त होती है।

आरबीआई के नए नियम

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए समय-समय पर नियमों में संशोधन करता रहता है। हाल ही में, आरबीआई ने फिक्स्ड डिपॉजिट से संबंधित कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनसे निवेशकों को लाभ होगा।

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अनलिमिटेड एफडी अकाउंट

नए नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जितने चाहे उतने फिक्स्ड डिपॉजिट खाते खोल सकता है। इसकी कोई सीमा निर्धारित नहीं है। यह उन निवेशकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो अपने निवेश को विभिन्न अवधियों और ब्याज दरों में विभाजित करना चाहते हैं। इससे पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन में मदद मिलती है और जोखिम को कम किया जा सकता है।

कौन कर सकता है एफडी में निवेश?

भारत में कोई भी 18 वर्ष से अधिक आयु का व्यक्ति फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर सकता है। अवयस्क के नाम पर भी एफडी खोली जा सकती है, लेकिन इसके लिए अभिभावक या माता-पिता का साथ होना आवश्यक है। यहां तक कि गैर-निवासी भारतीय (NRI) भी एनआरई (NRE) या एनआरओ (NRO) खातों के माध्यम से एफडी में निवेश कर सकते हैं।

एफडी खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज

फिक्स्ड डिपॉजिट खाता खोलने के लिए केवाईसी (KYC) प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है। इसके लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

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  1. पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड आदि में से कोई एक।
  2. पता प्रमाण: यदि पहचान प्रमाण में आपका वर्तमान पता नहीं है, तो बिजली बिल, टेलीफोन बिल, बैंक स्टेटमेंट आदि जैसे अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता हो सकती है।
  3. पैन कार्ड: यह अनिवार्य है, खासकर जब आपकी एफडी से वार्षिक ब्याज आय ₹40,000 से अधिक हो।
  4. फोटोग्राफ: एक हालिया पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ।

पैन कार्ड का महत्व

फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए पैन कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यदि आपकी वार्षिक ब्याज आय ₹40,000 से अधिक है (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000), तो बैंक स्रोत पर कर कटौती (TDS) करेगा। पैन कार्ड के अभाव में, TDS की दर अधिक (20%) हो जाती है।

यदि आप TDS से बचना चाहते हैं और आपकी कुल आय कर योग्य सीमा से कम है, तो आप फॉर्म 15G (सामान्य व्यक्तियों के लिए) या फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) जमा कर सकते हैं। इन फॉर्म को हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में जमा करना होता है।

एफडी की अवधि

फिक्स्ड डिपॉजिट की एक बड़ी विशेषता यह है कि आप अपनी आवश्यकता के अनुसार इसकी अवधि चुन सकते हैं। भारतीय बैंक आमतौर पर निम्नलिखित अवधियों के लिए एफडी की सुविधा प्रदान करते हैं:

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  • अल्पकालिक एफडी: 7 दिन से 1 वर्ष तक
  • मध्यकालिक एफडी: 1 वर्ष से 3 वर्ष तक
  • दीर्घकालिक एफडी: 3 वर्ष से 10 वर्ष तक

आमतौर पर, जितनी लंबी अवधि होगी, ब्याज दर उतनी ही अधिक होगी। हालांकि, यह बैंक के नियमों और बाजार परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

वर्तमान ब्याज दरें

वर्तमान में, भारत के विभिन्न बैंक एफडी पर 5.5% से 8.5% तक का ब्याज दे रहे हैं। यह दर बैंक, निवेश राशि, अवधि और ग्राहक श्रेणी (सामान्य/वरिष्ठ नागरिक) पर निर्भर करती है। वरिष्ठ नागरिकों को आमतौर पर अतिरिक्त 0.25% से 0.5% का ब्याज मिलता है।

एफडी के प्रकार

भारत में मुख्य रूप से दो प्रकार की फिक्स्ड डिपॉजिट उपलब्ध हैं:

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  1. नियमित एफडी: इसमें निवेशक को परिपक्वता पर मूलधन और ब्याज दोनों मिलते हैं।
  2. कम्युलेटिव एफडी: इसमें ब्याज का पुनर्निवेश किया जाता है और परिपक्वता पर कंपाउंडेड अमाउंट मिलता है।

इसके अलावा, कई बैंक विशेष एफडी योजनाएं भी प्रदान करते हैं जैसे:

  • टैक्स सेवर एफडी: इनमें निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर छूट के लिए पात्र होता है।
  • फ्लेक्सी एफडी: यह सेविंग्स अकाउंट और एफडी का मिश्रण है, जिसमें अतिरिक्त राशि स्वचालित रूप से एफडी में ट्रांसफर हो जाती है।
  • इन्स्टॉलमेंट एफडी: इसमें आप मासिक या त्रैमासिक किश्तों में निवेश कर सकते हैं।

एफडी के लाभ

फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. सुरक्षित निवेश: एफडी एक कम जोखिम वाला निवेश विकल्प है, जिसमें मूलधन की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
  2. निश्चित रिटर्न: आपको पहले से पता होता है कि परिपक्वता पर आपको कितना मिलेगा, जिससे वित्तीय योजना बनाना आसान हो जाता है।
  3. लचीली अवधि: आप अपनी आवश्यकता के अनुसार निवेश अवधि चुन सकते हैं।
  4. लोन सुविधा: एफडी के खिलाफ आप अपने मूलधन का 80-90% तक लोन ले सकते हैं।
  5. लिक्विडिटी: आपात स्थिति में, आप अपनी एफडी को समय से पहले भी भुना सकते हैं (हालांकि इसमें कुछ पेनल्टी हो सकती है)।

क्या करें

यदि आप फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

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  1. विभिन्न बैंकों की तुलना करें: अलग-अलग बैंकों द्वारा प्रदान की जा रही ब्याज दरों की तुलना करें और सर्वोत्तम विकल्प चुनें।
  2. लैडरिंग अपनाएं: अपने निवेश को विभिन्न अवधियों में विभाजित करें ताकि आपके पास नियमित अंतराल पर परिपक्व होने वाली एफडी हो।
  3. ऑनलाइन निवेश करें: कई बैंक ऑनलाइन एफडी पर अतिरिक्त ब्याज प्रदान करते हैं।
  4. ऑटो-रिन्यूअल सुविधा का लाभ उठाएं: यह सुनिश्चित करेगा कि आपका निवेश बिना किसी व्यवधान के जारी रहे।

फिक्स्ड डिपॉजिट एक सुरक्षित और विश्वसनीय निवेश विकल्प है, जो निश्चित रिटर्न की गारंटी देता है। आरबीआई के नए नियमों ने निवेशकों के लिए इसे और भी आकर्षक बना दिया है। अनलिमिटेड एफडी खाते खोलने की सुविधा, लचीली अवधि विकल्प और अच्छी ब्याज दरें इसे एक बेहतरीन निवेश विकल्प बनाती हैं।

हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर निवेश निर्णय आपकी वित्तीय स्थिति, जोखिम क्षमता और लक्ष्यों पर आधारित होना चाहिए। किसी भी निवेश करने से पहले विशेषज्ञों से परामर्श करना और सभी शर्तों और नियमों को ध्यान से पढ़ना सुनिश्चित करें।

फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करके, आप न केवल अपनी बचत को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि एक निश्चित और स्थिर आय भी सुनिश्चित कर सकते हैं, जो आपके वित्तीय भविष्य को मजबूत बनाने में मदद करेगी।

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