Advertisement

सिबिल स्कोर को लेकर RBI ने किया बड़े बदलाव, नए नियम 1 तारीख से लागू RBI CIBIL score

RBI CIBIL score भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने सिबिल स्कोर से संबंधित नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो 1 जनवरी 2025 से प्रभावी हो चुके हैं। ये परिवर्तन क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाने और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से किए गए हैं। इस लेख में हम इन नए नियमों के बारे में विस्तार से जानेंगे और समझेंगे कि ये आम उपभोक्ताओं और उनके वित्तीय जीवन पर कैसे प्रभाव डालेंगे।

सिबिल स्कोर क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

सिबिल स्कोर, जिसे क्रेडिट स्कोर भी कहा जाता है, एक संख्यात्मक मूल्य है जो आपके वित्तीय व्यवहार और क्रेडिट इतिहास के आधार पर आपकी वित्तीय विश्वसनीयता को दर्शाता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, जहां उच्च स्कोर बेहतर क्रेडिट स्वास्थ्य का संकेत देता है।

सिबिल (CIBIL – Credit Information Bureau India Limited) भारत की प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो है जो उपभोक्ताओं और व्यवसायों के क्रेडिट इतिहास का रिकॉर्ड रखती है। बैंक और वित्तीय संस्थान इस स्कोर का उपयोग लोन देने के निर्णय लेने, ब्याज दरें निर्धारित करने और क्रेडिट लिमिट तय करने के लिए करते हैं।

Also Read:
आधार कार्ड से पर्सनल और बिजनेस लोन कैसे लें? जानिए PMEGP Loan Apply की पूरी प्रक्रिया

आरबीआई द्वारा किए गए प्रमुख बदलाव

1. सिबिल स्कोर अब हर 15 दिन में अपडेट होगा

पहले सिबिल स्कोर महीने में एक बार अपडेट होता था, लेकिन नए नियमों के अनुसार, अब यह हर 15 दिनों में अपडेट होगा। इस बदलाव का उद्देश्य एक महत्वपूर्ण समस्या का समाधान करना है – कई लोग पहले लोन की जानकारी सिबिल रिकॉर्ड में दर्ज होने से पहले ही दूसरा लोन प्राप्त कर लेते थे, जिससे बैंकों को अपनी जोखिम का सही आकलन करने में कठिनाई होती थी।

अब, चूंकि स्कोर हर 15 दिनों में अपडेट होगा, इससे यह सुनिश्चित होगा कि:

  • एक लोन लेने के बाद व्यक्ति तुरंत दूसरा लोन नहीं ले पाएगा
  • उधारदाताओं को अधिक सटीक और अप-टू-डेट जानकारी मिलेगी
  • क्रेडिट सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी
  • लोन की मंजूरी प्रक्रिया अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित होगी

2. सिबिल स्कोर चेक करने पर अनिवार्य सूचना

पूर्व में, बैंक और वित्तीय संस्थान ग्राहकों को बिना सूचित किए उनका सिबिल स्कोर चेक कर सकते थे। इससे हार्ड इन्क्वायरी की संख्या बढ़ जाती थी, जिसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के क्रेडिट स्कोर पर पड़ता था।

Also Read:
लाखों की कमाई के बाद भी लोन नहीं मिलेगा, जानिए सिबिल स्कोर के नियम CIBIL Score

नए नियमों के अनुसार:

  • किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा सिबिल स्कोर चेक करने पर ग्राहक को नोटिफिकेशन और ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा
  • ग्राहक को पता चलेगा कि कौन उनका क्रेडिट स्कोर चेक कर रहा है
  • अनावश्यक हार्ड इन्क्वायरी पर नियंत्रण रखा जा सकेगा
  • ग्राहक अपने सिबिल स्कोर पर बेहतर निगरानी रख पाएंगे

3. गलत एंट्री पर जुर्माना और त्वरित समाधान

नए नियमों का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अब क्रेडिट रिपोर्ट में गलत एंट्री या त्रुटि के मामले में त्वरित समाधान की व्यवस्था की गई है:

  • अगर किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट में गलत लोन या एंट्री दिखती है और वह इसके लिए शिकायत करता है, तो सिबिल को 30 दिनों के भीतर इसका समाधान करना होगा
  • अगर 30 दिनों के भीतर समाधान नहीं होता है, तो सिबिल को प्रति दिन 100 रुपये का जुर्माना देना होगा
  • यह प्रावधान उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करेगा और सिबिल को अपनी सेवाओं में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा

हार्ड इन्क्वायरी बनाम सॉफ्ट इन्क्वायरी: क्या अंतर है और क्यों महत्वपूर्ण है?

सिबिल स्कोर चेक करने के दो प्रमुख तरीके हैं – हार्ड इन्क्वायरी और सॉफ्ट इन्क्वायरी। इन दोनों के बीच अंतर समझना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इनका आपके क्रेडिट स्कोर पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है।

Also Read:
BSNL ने लॉन्च किया ₹48 में लम्बी वैलिडिटी और टॉकटाइम वाला सस्ता रिचार्ज प्लान BSNL Recharge Plan

हार्ड इन्क्वायरी (Hard Inquiry)

हार्ड इन्क्वायरी तब होती है जब कोई बैंक, एनबीएफसी या वित्तीय संस्था लोन या क्रेडिट कार्ड जैसे वित्तीय उत्पाद के लिए आपका आवेदन प्रोसेस करते समय आपका सिबिल स्कोर चेक करती है।

हार्ड इन्क्वायरी की विशेषताएं:

  • आपके सिबिल स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है
  • आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में 2 वर्षों तक दिखाई देती है
  • अधिक हार्ड इन्क्वायरी होने से क्रेडिट स्कोर में गिरावट आ सकती है
  • नए लोन के लिए आवेदन करते समय उधारदाताओं द्वारा इन्हें देखा जाता है

सॉफ्ट इन्क्वायरी (Soft Inquiry)

सॉफ्ट इन्क्वायरी तब होती है जब आप स्वयं अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते हैं या जब कोई वित्तीय संस्था प्री-अप्रूवल ऑफर के लिए आपका स्कोर चेक करती है।

Also Read:
RBI का बड़ा फैसला! अब पर्सनल और होम लोन पाना हुआ पहले से आसान RBI New Rules

सॉफ्ट इन्क्वायरी की विशेषताएं:

  • आपके सिबिल स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं डालती
  • सिर्फ आपको ही दिखाई देती है, उधारदाताओं को नहीं
  • क्रेडिट स्कोर की निगरानी और सुधार के लिए नियमित रूप से सॉफ्ट इन्क्वायरी करना अच्छी आदत है

नए नियमों का सामान्य लोगों पर प्रभाव

आरबीआई द्वारा सिबिल स्कोर से संबंधित नियमों में किए गए बदलावों का आम लोगों पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे:

1. बेहतर वित्तीय पारदर्शिता

  • ग्राहकों को अपने क्रेडिट स्कोर और उसके चेक किए जाने की जानकारी मिलेगी
  • लोन और क्रेडिट कार्ड के आवेदन की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी
  • वित्तीय निर्णय लेने के लिए अधिक जानकारी उपलब्ध होगी

2. धोखाधड़ी में कमी

  • एक ही व्यक्ति द्वारा छोटे समय अंतराल में कई लोन लेने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी
  • बैंकों और वित्तीय संस्थानों को धोखाधड़ी से बचाने में मदद मिलेगी
  • वित्तीय प्रणाली में विश्वास बढ़ेगा

3. गलतियों का त्वरित समाधान

  • क्रेडिट रिपोर्ट में गलत एंट्री के मामले में त्वरित समाधान मिलेगा
  • 30 दिनों की समय सीमा और जुर्माने का प्रावधान सिबिल को जवाबदेह बनाएगा
  • उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा होगी

4. बेहतर क्रेडिट स्कोर मैनेजमेंट

  • हार्ड इन्क्वायरी पर बेहतर नियंत्रण से क्रेडिट स्कोर में सुधार होगा
  • अनावश्यक हार्ड इन्क्वायरी से बचने में मदद मिलेगी
  • नियमित अपडेट से क्रेडिट इतिहास का बेहतर प्रबंधन संभव होगा

अपना सिबिल स्कोर बेहतर बनाने के उपाय

नए नियमों के साथ-साथ, अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

Also Read:
BSNL का धमाकेदार प्लान! 60 दिन अनलिमिटेड कॉलिंग और फ्री डेटा – BSNL New Recharge Plan
  1. समय पर ईएमआई और बिल का भुगतान करें: क्रेडिट कार्ड बिल, लोन ईएमआई और अन्य वित्तीय देनदारियों का समय पर भुगतान करना सिबिल स्कोर सुधारने का सबसे प्रभावी तरीका है।
  2. क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो कम रखें: अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30% से कम उपयोग करें। उच्च क्रेडिट यूटिलाइजेशन आपके स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
  3. क्रेडिट मिक्स का ध्यान रखें: विभिन्न प्रकार के लोन और क्रेडिट का मिश्रण होना अच्छा माना जाता है, जैसे होम लोन, कार लोन और क्रेडिट कार्ड।
  4. नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें: अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में किसी भी गलती या अनधिकृत लेनदेन की जांच के लिए वर्ष में कम से कम एक बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें।
  5. अनावश्यक लोन और क्रेडिट कार्ड से बचें: जरूरत न होने पर नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न करें, क्योंकि इससे हार्ड इन्क्वायरी बढ़ती है।

आरबीआई द्वारा सिबिल स्कोर से जुड़े नियमों में किए गए परिवर्तन व्यापक रूप से वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक कदम है। हर 15 दिन में सिबिल स्कोर का अपडेट, नोटिफिकेशन की अनिवार्यता और गलत एंट्री पर जुर्माने का प्रावधान – ये सभी बदलाव उपभोक्ताओं के हित में हैं और उन्हें अपने वित्तीय जीवन पर बेहतर नियंत्रण रखने में मदद करेंगे।

इन नए नियमों के परिणामस्वरूप, वित्तीय धोखाधड़ी में कमी आएगी, लोन प्रक्रिया अधिक सुरक्षित होगी और लोगों को अपने क्रेडिट स्कोर पर बेहतर नियंत्रण रखने का अवसर मिलेगा। सिबिल स्कोर से जुड़े इन बदलावों को समझना और इनका लाभ उठाना आपके वित्तीय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

अंत में, याद रखें कि अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखना एक लंबी अवधि की प्रक्रिया है, जिसमें वित्तीय अनुशासन और जागरूकता की आवश्यकता होती है। नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें, समय पर अपने बिल का भुगतान करें और अपने क्रेडिट का जिम्मेदारी से उपयोग करें – यही अच्छे सिबिल स्कोर की कुंजी है।

Also Read:
PM किसान की 20वीं किस्त का इंतजार खत्म – इस दिन सीधे खाते में आएंगे ₹2000! PM Kisan 20th Installment

 

 

Also Read:
या दिवशी शेतकऱ्यांना मिळणार 19व्या हप्त्याचे 4000 हजार रुपये. 19th installment

Leave a Comment

Whatsapp Group