Petrol Diesel Price: छत्तीसगढ़ की जनता के लिए अप्रैल माह की शुरुआत में बड़ी राहत का ऐलान हुआ है। राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का निर्णय लिया है, जिससे आम नागरिकों की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम होगा। यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा और इसका प्रभाव राज्य के हर नागरिक पर पड़ेगा। पिछले कुछ वर्षों में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में लगातार वृद्धि से आम आदमी परेशान था, ऐसे में सरकार का यह फैसला वाकई प्रशंसनीय है।
सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला है। अब तक राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल पर 24% कर के साथ-साथ अतिरिक्त 2 रुपये प्रति लीटर का शुल्क वसूलती थी। नए नियम के अनुसार, अतिरिक्त शुल्क को घटाकर 1 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, जिससे सीधे तौर पर हर लीटर पर 1 रुपये की बचत होगी। इस निर्णय की अधिसूचना पहले ही राजपत्र में प्रकाशित की जा चुकी है, जिससे यह सुनिश्चित हो गया है कि यह निर्णय अप्रैल की शुरुआत से प्रभावी होगा।
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट प्रस्तुतीकरण के दौरान इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा था कि ईंधन पर कर की दरों में यह कटौती प्रदेश के विकास और आम जनता के हित को ध्यान में रखकर की गई है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि जब ईंधन की कीमतें कम होंगी, तो इसका सीधा असर परिवहन लागत पर पड़ेगा, जिससे आवश्यक वस्तुओं की कीमतें भी नियंत्रित रहेंगी।
पेट्रोल-डीजल कर कटौती का आर्थिक प्रभाव
1 रुपये प्रति लीटर की कटौती भले ही कम प्रतीत हो, लेकिन इसका समग्र प्रभाव राज्य की अर्थव्यवस्था पर काफी सकारात्मक होगा। आइए देखें कि यह कटौती किन-किन क्षेत्रों पर असर डालेगी:
परिवहन क्षेत्र पर प्रभाव
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी का सबसे पहला असर परिवहन क्षेत्र पर पड़ेगा। ट्रक, बस और अन्य वाणिज्यिक वाहनों के संचालन में लागत कम होगी, जिससे माल ढुलाई और यात्री किराए में भी कमी आने की संभावना है। इससे न केवल ट्रांसपोर्टरों को राहत मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सस्ती वस्तुएं मिल सकेंगी।
एक अनुमान के अनुसार, छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन लगभग 20 लाख लीटर पेट्रोल और 30 लाख लीटर डीजल की खपत होती है। इस हिसाब से, राज्य के नागरिकों को प्रतिदिन लगभग 50 लाख रुपये की बचत होगी, जो महीने में 15 करोड़ रुपये से अधिक होगी। यह पैसा अर्थव्यवस्था में अन्य क्षेत्रों में खर्च हो सकेगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
किसानों पर प्रभाव
छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए यह कटौती वरदान साबित होगी। खेती में ट्रैक्टर और पंप सेट जैसे डीजल चालित उपकरणों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है। डीजल की कीमत में कमी से कृषि लागत कम होगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। यह राज्य के कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में भी सहायक होगा।
राज्य के किसान संगठनों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह कदम प्रदेश के लगभग 40 लाख किसान परिवारों के लिए लाभदायक होगा।
उद्योगों पर प्रभाव
छत्तीसगढ़ खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है, जहां विभिन्न उद्योग जैसे लोहा-इस्पात, सीमेंट और बिजली उत्पादन केंद्र स्थापित हैं। इन उद्योगों में ईंधन की खपत अधिक होती है, और ईंधन की कीमतों में कमी से उत्पादन लागत भी कम होगी। इससे राज्य के उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी और नए निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
राज्य के औद्योगिक संगठनों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में स्थापित छोटे और मध्यम उद्योगों को इस कटौती से सालाना लगभग 100-150 करोड़ रुपये की बचत होगी, जिससे उनकी लाभप्रदता में वृद्धि होगी।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष प्रभाव
छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्से, विशेष रूप से बस्तर संभाग में नक्सली गतिविधियों का प्रभाव अधिक है। इन क्षेत्रों में परिवहन की लागत अधिक होने के कारण वस्तुओं की कीमतें भी अधिक रहती हैं। ईंधन की कीमतों में कमी से इन दूरदराज के क्षेत्रों में माल और सेवाओं की आपूर्ति आसान और सस्ती होगी।
सरकार का मानना है कि विकास की गतिविधियों को बढ़ावा देकर और आर्थिक स्थिति में सुधार लाकर नक्सलवाद से निपटने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस संबंध में कहा है कि जब लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, तो वे नक्सली विचारधारा से दूर होंगे और मुख्यधारा में शामिल होंगे।
बजट 2025-26 की अन्य विशेषताएं
पेट्रोल-डीजल पर कर कटौती के अलावा, वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में कई अन्य राहत उपायों की भी घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि बजट को इस तरह से तैयार किया गया है कि विकास कार्य तेजी से पूरे हो सकें। कुछ प्रमुख घोषणाएं इस प्रकार हैं:
- कृषि क्षेत्र के लिए प्रावधान: किसानों के लिए सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, फसल बीमा योजना में सुधार और कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए विशेष अनुदान की व्यवस्था की गई है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर: प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बजट आवंटन में वृद्धि की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में नए स्कूल और अस्पताल खोलने का प्रस्ताव है।
- रोजगार सृजन: युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम और उद्यमिता प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की गई है।
- बुनियादी ढांचे का विकास: सड़क, पुल, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। इससे प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी।
जनता की प्रतिक्रिया
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती के फैसले का राज्य के विभिन्न वर्गों ने स्वागत किया है। रायपुर के एक ऑटो चालक रामप्रसाद वर्मा कहते हैं, “हर दिन मैं लगभग 10 लीटर पेट्रोल का इस्तेमाल करता हूं। एक रुपये की कटौती से मुझे महीने में 300 रुपये की बचत होगी, जो मेरे जैसे छोटे परिवार के लिए बड़ी राहत है।”
व्यापारी संगठनों ने भी इस फैसले का समर्थन किया है। छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अनिल पटेल कहते हैं, “ईंधन की कीमतों में कमी से परिवहन लागत कम होगी, जिससे वस्तुओं की कीमतें स्थिर रहेंगी। इससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं, दोनों को फायदा होगा।”
किसान संगठनों ने भी इस फैसले की सराहना की है। छत्तीसगढ़ किसान संघ के नेता रामचंद्र साहू कहते हैं, “खेती में ट्रैक्टर और सिंचाई पंप के लिए डीजल की जरूरत होती है। इसकी कीमत में कमी से किसानों की लागत कम होगी और उनकी आय बढ़ेगी।”
चुनौतियां और संभावनाएं
पेट्रोल-डीजल पर कर कटौती के फैसले से राज्य सरकार को राजस्व में कमी का सामना करना पड़ सकता है। अनुमान है कि इस फैसले से सरकार को सालाना 400-500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो सकता है। हालांकि, सरकार का मानना है कि इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे अन्य स्रोतों से राजस्व में वृद्धि होगी और इस नुकसान की भरपाई हो जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी से वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और लोगों की आय में वृद्धि होगी। यह चक्र आगे चलकर सरकार के राजस्व में भी वृद्धि करेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार का पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक रुपये प्रति लीटर की कटौती का फैसला नागरिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। इस फैसले से न केवल आम जनता को बचत होगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। किसानों, व्यापारियों, उद्योगपतियों और आम नागरिकों, सभी को इस फैसले से लाभ होगा।
सरकार ने इस फैसले के माध्यम से यह साबित किया है कि वह जनहित को प्राथमिकता देती है। 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाला यह नियम आने वाले समय में राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस कदम से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और प्रदेश समग्र विकास की ओर अग्रसर होगा।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी के अनुसार, यह पहला कदम है और आगे भी ऐसे कई जनहितकारी फैसले लिए जाएंगे, जिससे प्रदेश के हर वर्ग को लाभ पहुंचेगा। छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए यह नया वित्तीय वर्ष वाकई में राहत और विकास का वर्ष साबित होगा।