Holidays Cancelled पंजाब सरकार ने गेहूं खरीद सीजन 2024-25 के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने शुक्रवार को गुरदासपुर के पंचायत भवन में माझा क्षेत्र के चार जिलों—गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर और तरनतारन—के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में आगामी गेहूं खरीद सीजन की समग्र तैयारियों की समीक्षा की गई और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
किसानों के हित में व्यापक प्रबंधन
पंजाब सरकार द्वारा इस वर्ष राज्य के 8 लाख से अधिक किसानों के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। मंत्री कटारूचक्क ने बताया कि सरकार का प्रमुख लक्ष्य किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना और खरीद प्रक्रिया को सुगम बनाना है। इस बार सरकार ने 124 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसके लिए 28,894 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट पहले ही मंजूर करवा ली गई है।
“हमारी सरकार किसानों की मेहनत का पूरा सम्मान करती है और इसी कारण हम खरीद प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और किसान-हितैषी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं,” मंत्री ने बैठक के दौरान कहा।
खरीद केंद्रों की संख्या में वृद्धि
गेहूं की खरीद को सुगम बनाने के लिए इस बार 1864 स्थायी खरीद केंद्रों के अतिरिक्त 600 अस्थायी खरीद केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। इससे किसानों को अपनी उपज को निकटतम केंद्र तक ले जाने की सुविधा मिलेगी और उन्हें लंबी दूरी तय करने से बचाया जा सकेगा। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर खरीद केंद्र पर किसानों के लिए आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
मंडियों में बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यान
मंत्री कटारूचक्क ने मंडियों में किसानों के लिए बुनियादी सुविधाओं पर विशेष जोर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर मंडी में निम्न सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाई जाएं:
- शुद्ध पेयजल की निरंतर आपूर्ति
- बिजली की समुचित व्यवस्था
- स्वच्छ शौचालय और बाथरूम
- उचित सफाई व्यवस्था
- प्राथमिक चिकित्सा किट और आपातकालीन सुविधाएं
“मंडियों में किसानों की सुविधा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारा उद्देश्य है कि किसान जब अपनी फसल बेचने आए तो उसे किसी भी प्रकार की परेशानी न हो,” मंत्री ने कहा।
समयबद्ध भुगतान की गारंटी
किसानों को उनकी उपज का भुगतान शीघ्रता से प्राप्त हो, इसके लिए सरकार ने विशेष व्यवस्था की है। मंत्री कटारूचक्क ने स्पष्ट किया कि फसल की खरीद के 24 घंटे के भीतर किसानों के खाते में भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार गेहूं की एक-एक बाली खरीदने के लिए तैयार है और यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को उनकी फसल का मूल्य समय पर मिले।”
माझा क्षेत्र से अनुमानित आवक
बैठक में माझा क्षेत्र के चारों जिलों से अनुमानित गेहूं आवक पर भी विस्तार से चर्चा की गई। अनुमानों के अनुसार:
- गुरदासपुर से: 6.69 लाख मीट्रिक टन
- अमृतसर से: 7.54 लाख मीट्रिक टन
- तरनतारन से: 7.76 लाख मीट्रिक टन
- पठानकोट से: 0.73 लाख मीट्रिक टन
कुल मिलाकर, माझा क्षेत्र से लगभग 22.72 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है।
अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सख्त निर्देश
मंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि खरीद सीजन के दौरान कोई भी अनावश्यक छुट्टी नहीं ली जा सकती। उन्होंने कहा, “खरीद सीजन के दौरान सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने स्टेशन पर तैनात रहना अनिवार्य है ताकि किसानों की समस्याओं का तत्काल समाधान किया जा सके।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि कोई कर्मचारी लापरवाही करता है या अनुपस्थित पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आढ़तियों का सहयोग आवश्यक
खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आढ़तियों का सहयोग भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मंत्री ने आढ़तियों को निर्देश दिए हैं कि वे खरीद सीजन शुरू होने से पहले ही आवश्यक तरपाल, बोरियां और अन्य सामग्री का प्रबंध कर लें ताकि गेहूं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
“किसी भी परिस्थिति में किसानों की फसल खुले में नहीं रखी जाएगी और न ही बारिश या अन्य मौसमी परिस्थितियों के कारण नुकसान होने दिया जाएगा,” मंत्री ने स्पष्ट किया।
कोविड प्रोटोकॉल का पालन भी आवश्यक
हालांकि कोविड-19 की स्थिति अब नियंत्रण में है, फिर भी मंडियों में स्वच्छता और सुरक्षा के मानकों का पालन किया जाएगा। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडियों में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए।
किसानों से अपील
मंत्री कटारूचक्क ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल केवल अधिकृत मंडियों में ही बेचें और सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर अपनी फसल न बेचें। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी फसल की एक-एक बाली खरीदने के लिए तैयार है।
“हमारा लक्ष्य है कि हर किसान को उसकी मेहनत का उचित मूल्य मिले और खरीद प्रक्रिया के दौरान उसे किसी प्रकार की परेशानी न हो,” मंत्री ने कहा।
निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित
खरीद प्रक्रिया की निरंतर निगरानी के लिए विभाग द्वारा विशेष टीमें गठित की गई हैं जो मंडियों का आकस्मिक निरीक्षण करेंगी और किसी भी अनियमितता की रिपोर्ट तत्काल प्रशासन को देंगी। मंत्री ने स्वयं भी विभिन्न मंडियों का दौरा करने का आश्वासन दिया है ताकि व्यवस्थाओं का जायजा लिया जा सके।
सफल खरीद सीजन का विश्वास
पिछले वर्ष की सफलता को दोहराते हुए इस वर्ष भी एक सफल और सुचारू खरीद सीजन की उम्मीद जताई गई है। मंत्री कटारूचक्क ने कहा, “पिछले वर्ष हमने किसानों को संतोषजनक अनुभव दिलाया था और इस वर्ष भी हम उसी तरह से काम करेंगे। हमारा उद्देश्य है कि किसान अपनी फसल बेचकर खुशी-खुशी अपने घर लौटें।”
सरकार का यह प्रयास राज्य के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आशा की जाती है कि इस वर्ष का गेहूं खरीद अभियान सफल रहेगा और किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त होगा।