get free ration सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आने वाले सभी राशन कार्डधारकों के लिए ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक-केवाईसी) प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। यह कदम सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने और वास्तविक जरूरतमंदों तक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इसके लिए अंतिम तिथि 28 फरवरी 2025 निर्धारित की गई है। यदि इस तिथि तक ई-केवाईसी पूरी नहीं होती है, तो संबंधित राशन कार्डधारकों के नाम राशन सूची से हटा दिए जाएंगे।
झारखंड में ई-केवाईसी की वर्तमान स्थिति
झारखंड राज्य में कुल 68 लाख 21 हजार 60 राशन कार्डधारक हैं, जिनमें से 56 लाख 56 हजार 411 लाभुकों ने अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर ली है। परंतु खाद्य आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अभी भी लगभग 11 लाख 64 हजार 649 राशन कार्डधारक ऐसे हैं जिन्होंने अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं कराई है। ये संख्या चिंताजनक है, क्योंकि इन सभी परिवारों को सरकारी योजनाओं से वंचित होने का खतरा है।
किन राशन कार्डधारकों को कराना होगा ई-केवाईसी
ई-केवाईसी प्रक्रिया निम्नलिखित सभी प्रकार के राशन कार्डधारकों के लिए अनिवार्य है:
- पीएच कार्ड (गुलाबी कार्ड): अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गत आने वाले अति गरीब परिवार जो गुलाबी कार्ड धारक हैं।
- एएवाई कार्ड (पीला कार्ड): प्राथमिकता वाले परिवार जिनके पास पीले रंग के राशन कार्ड हैं।
- हरा राशन कार्ड: राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत आने वाले हरे रंग के राशन कार्ड धारक।
- अन्य सभी राशन कार्डधारक परिवार: जो किसी भी अन्य श्रेणी में आते हैं।
ई-केवाईसी प्रक्रिया में आ रही समस्याएं
ई-केवाईसी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने में कई प्रकार की चुनौतियां सामने आ रही हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
तकनीकी समस्याएं
- सर्वर की धीमी गति: बड़ी संख्या में लोगों द्वारा एक साथ सिस्टम का उपयोग करने से सर्वर पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिससे प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
- नेटवर्क कनेक्टिविटी: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या के कारण लोगों को ई-केवाईसी कराने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
दस्तावेज़ी समस्याएं
- आधार से लिंक न होना: कई लाभुकों के राशन कार्ड और आधार कार्ड के बीच लिंक नहीं होने के कारण उनकी ई-केवाईसी प्रक्रिया अटकी हुई है।
- बायोमेट्रिक त्रुटियां: वृद्ध व्यक्तियों या शारीरिक श्रम करने वाले लोगों के अंगूठे का स्कैन सही से न होना या अन्य बायोमेट्रिक त्रुटियां भी बड़ी बाधा बन रही हैं।
- गलत जानकारी: राशन कार्ड में दर्ज नाम, मोबाइल नंबर या आधार संख्या में त्रुटियों के कारण भी प्रक्रिया में विलंब हो रहा है।
ई-केवाईसी न कराने के परिणाम
यदि राशन कार्डधारक निर्धारित समय सीमा तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं, तो उन्हें निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं:
- राशन कार्ड रद्द होना: सबसे पहला और सबसे बड़ा नुकसान यह होगा कि उनका राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा।
- सस्ता राशन न मिलना: सरकारी सस्ते राशन जैसे चावल, गेहूं, चीनी और अन्य आवश्यक खाद्य पदार्थों से वंचित होना पड़ेगा।
- अन्य योजनाओं से वंचित होना: राशन कार्ड के आधार पर मिलने वाली अन्य सरकारी योजनाओं जैसे उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि और पेंशन योजनाओं का लाभ भी बंद हो सकता है।
ई-केवाईसी कैसे कराएं
राशन कार्डधारक अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया निम्नलिखित तरीकों से पूरी कर सकते हैं:
स्थानीय केंद्रों पर जाकर
- जन वितरण प्रणाली (PDS) केंद्र: अपने नजदीकी राशन दुकान या जन वितरण प्रणाली केंद्र पर जाकर ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
- प्रज्ञा केंद्र: कॉमन सर्विस सेंटर या प्रज्ञा केंद्र भी ई-केवाईसी प्रक्रिया के लिए उपलब्ध हैं।
आवश्यक दस्तावेज़
ई-केवाईसी के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक हैं:
- आधार कार्ड: परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड।
- मोबाइल नंबर: जो आधार से लिंक हो।
- राशन कार्ड: मूल राशन कार्ड।
गलत जानकारी सुधार
यदि राशन कार्ड या आधार कार्ड में कोई गलत जानकारी है, तो निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएं:
- जिला आपूर्ति कार्यालय: अपने सभी प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ जिला आपूर्ति कार्यालय में संपर्क करें।
- आवेदन जमा करें: गलत जानकारी के सुधार के लिए औपचारिक आवेदन जमा करें।
- प्रमाण दस्तावेज़: सही जानकारी के समर्थन में आवश्यक प्रमाण दस्तावेज़ प्रस्तुत करें।
सरकार की पहल और समाधान
सरकार ई-केवाईसी प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए निम्नलिखित पहल कर रही है:
- तकनीकी समस्याओं का समाधान: सर्वर क्षमता बढ़ाने और तकनीकी बाधाओं को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
- अधिक केंद्रों की स्थापना: ई-केवाईसी प्रक्रिया के लिए अधिक केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
- विशेष अभियान: जिला आपूर्ति विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं जिसके तहत प्रखंड आपूर्ति अधिकारियों को लाभुकों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं।
- पीडीएस दुकानदारों की जिम्मेदारी: सभी पीडीएस दुकानदारों को अपने क्षेत्र के सभी कार्डधारकों की ई-केवाईसी समय पर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
ई-केवाईसी का महत्व और लाभ
ई-केवाईसी प्रक्रिया न केवल सरकार के लिए बल्कि वास्तविक लाभार्थियों के लिए भी महत्वपूर्ण है:
- पारदर्शिता: इससे राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और फर्जी लाभार्थियों पर अंकुश लगेगा।
- लक्षित वितरण: सही लाभार्थियों की पहचान होने से सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचेगा।
- डिजिटलीकरण: यह प्रक्रिया सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान का भी हिस्सा है, जिससे सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण बढ़ेगा।
ई-केवाईसी प्रक्रिया राशन वितरण प्रणाली में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक जरूरतमंदों तक ही पहुंचे। अत: सभी राशन कार्डधारकों से अनुरोध है कि वे 28 फरवरी 2025 की अंतिम तिथि से पहले अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर लें।
यदि आपने अभी तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो तुरंत अपने नजदीकी पीडीएस केंद्र या प्रज्ञा केंद्र पर जाकर इसे पूरा करें। याद रखें, समय पर ई-केवाईसी न कराने से आपका राशन कार्ड रद्द हो सकता है और आप सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो सकते हैं। अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया को प्राथमिकता दें और समय रहते इसे पूरा करें।