gas cylinder prices यदि आप एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, तो आपके लिए मिश्रित समाचार है। केंद्र सरकार ने व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 7 रुपये की कमी करने का निर्णय लिया है, लेकिन घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। यह कटौती 1 फरवरी 2025 से प्रभावी हो गई है।
व्यावसायिक सिलेंडर की कीमतों में मामूली राहत
भारत में सरकारी तेल कंपनियां प्रत्येक महीने की शुरुआत में एलपीजी सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा करती हैं। इस बार 19 किलोग्राम वाले व्यावसायिक गैस सिलेंडर के मूल्य में 7 रुपये की कटौती की गई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में व्यावसायिक गैस सिलेंडर का नया मूल्य अब ₹1797 हो गया है, जो पहले ₹1804 था। यह लगातार दूसरा महीना है जब व्यावसायिक गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी आई है। हालांकि, यह कटौती अत्यंत मामूली है और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को इससे उल्लेखनीय लाभ नहीं मिल रहा है।
घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें अपरिवर्तित
यदि आप घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी की उम्मीद कर रहे थे, तो फिलहाल आपको कोई राहत नहीं मिली है। 14 किलोग्राम वाले घरेलू सिलेंडर की कीमतें अगस्त 2024 से अपरिवर्तित हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं को निराशा हुई है।
प्रमुख शहरों में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की मौजूदा कीमतें
देश के विभिन्न प्रमुख शहरों में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की वर्तमान कीमतें इस प्रकार हैं:
- दिल्ली: ₹803
- लखनऊ: ₹840.50
- कोलकाता: ₹829
- मुंबई: ₹802.50
- चेन्नई: ₹818.50
सरकार ने अभी तक घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती के संबंध में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है।
आम बजट 2025: घरेलू गैस सिलेंडर के लिए राहत का संभावित अवसर
अब सभी की नजरें 1 फरवरी 2025 को पेश किए जाने वाले आम बजट पर टिकी हुई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर कर में कटौती कर सकती है, जिससे घरेलू गैस की कीमतों में भी कमी आने की संभावना है।
हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि बजट से पहले ऐसे निर्णयों पर चर्चा नहीं की जाती, इसलिए अंतिम निर्णय का इंतजार करना होगा।
एलपीजी की कीमतें क्यों होती हैं अस्थिर?
एलपीजी सिलेंडर की कीमतें मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और गैस की कीमतों पर निर्भर करती हैं। सरकार प्रत्येक महीने इन कीमतों की समीक्षा करती है और उसी आधार पर घरेलू और व्यावसायिक गैस के मूल्य निर्धारित किए जाते हैं।
यदि वैश्विक बाजार में गैस की कीमतें घटती हैं, तो सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को राहत प्रदान कर सकती है। वहीं, यदि कीमतें बढ़ती हैं, तो सरकार को सब्सिडी या राहत पैकेज पर विचार करना पड़ता है, ताकि आम नागरिकों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
घरेलू बजट पर एलपीजी कीमतों का प्रभाव
वर्तमान में एलपीजी सिलेंडर की ऊंची कीमतें मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। एक औसत भारतीय परिवार हर महीने एक सिलेंडर का उपयोग करता है, जिसका अर्थ है कि उन्हें सालाना लगभग ₹10,000 से अधिक का खर्च वहन करना पड़ता है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, एलपीजी सिलेंडर की कीमतें घरेलू बजट का लगभग 8-10% हिस्सा लेती हैं, जो आवश्यक खर्चों में से एक है। कीमतों में वृद्धि होने पर यह प्रतिशत और भी बढ़ जाता है, जिससे परिवारों को अन्य जरूरी खर्चों में कटौती करनी पड़ती है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का प्रभाव
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत, सरकार ने गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए हैं। इस योजना से लगभग 9 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचा है, जिन्होंने पारंपरिक ईंधन से स्वच्छ ईंधन की ओर कदम बढ़ाया है।
हालांकि, सिलेंडर की ऊंची कीमतों के कारण, कई लाभार्थी रिफिल कराने में असमर्थ हैं और वे पुनः परंपरागत ईंधन जैसे लकड़ी, कोयला या उपले का उपयोग करने लगे हैं। यह स्थिति योजना के मूल उद्देश्य को कमजोर करती है और पर्यावरण एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को बढ़ावा देती है।
व्यावसायिक क्षेत्र पर प्रभाव
व्यावसायिक सिलेंडर की कीमतों में 7 रुपये की कटौती से होटल, रेस्तरां और छोटे व्यवसायों को मामूली राहत मिली है। लेकिन यह कटौती इतनी कम है कि इससे उनके कुल परिचालन लागत पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा।
एक मध्यम आकार के रेस्तरां में प्रति माह औसतन 8-10 व्यावसायिक सिलेंडर का उपयोग होता है। इस हिसाब से, प्रति माह केवल 56-70 रुपये की बचत होगी, जो कुल व्यावसायिक खर्च का नगण्य हिस्सा है।
हालांकि, यह लगातार दूसरा महीना है जब व्यावसायिक सिलेंडर के दाम कम हुए हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है। यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो व्यावसायिक उपभोक्ताओं को और अधिक राहत मिल सकती है।
क्या आगे और कटौती की संभावना है?
यदि बजट 2025 में सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर कर में कटौती का निर्णय लेती है, तो घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी आ सकती है। इससे आम जनता को सीधा फायदा होगा और महंगाई से राहत मिलेगी।
फिलहाल, सरकार द्वारा की गई कीमतों में कटौती केवल व्यावसायिक उपभोक्ताओं तक सीमित है, जिससे होटल, रेस्तरां और छोटे व्यवसायों को थोड़ी राहत मिली है। घरेलू उपभोक्ताओं को अभी इंतजार करना होगा।
वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ते कदम
एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतों के कारण, अनेक उपभोक्ता वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की ओर रुख कर रहे हैं। सौर ऊर्जा से चलने वाले कुकर, इलेक्ट्रिक इंडक्शन कुकटॉप और बायोगैस जैसे विकल्प लोकप्रिय हो रहे हैं।
सरकार भी स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। ‘पीएम-सूर्य घर योजना’ के तहत, घरों पर सौर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है, जिससे बिजली के बिल में कमी आएगी और रसोई के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत उपलब्ध होंगे।
अंतरराष्ट्रीय तुलना
वैश्विक स्तर पर देखें तो भारत में एलपीजी की कीमतें अपेक्षाकृत कम हैं, क्योंकि सरकार सब्सिडी प्रदान करती है। कई पश्चिमी देशों में एलपीजी की कीमतें भारत की तुलना में 2-3 गुना अधिक हैं।
हालांकि, यदि हम क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के आधार पर तुलना करें, तो भारतीय उपभोक्ता अपनी आय का अधिक प्रतिशत एलपीजी पर खर्च करते हैं। इसलिए, कीमतों में कटौती या अतिरिक्त सब्सिडी आम जनता के लिए महत्वपूर्ण राहत होगी।
ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में एलपीजी की कीमतें स्थिर रह सकती हैं। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें अपेक्षाकृत स्थिर हैं, जिससे घरेलू कीमतों पर दबाव कम हो सकता है।
आगामी बजट 2025 में सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर कर ढांचे में संशोधन कर सकती है, जिससे एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कमी आ सकती है। विशेष रूप से, यह देखते हुए कि आगामी वर्षों में कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, सरकार आम जनता को राहत देने के विकल्प पर विचार कर सकती है।
व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 7 रुपये की कटौती एक सकारात्मक कदम है, लेकिन घरेलू उपभोक्ताओं को अभी इंतजार करना होगा। वर्तमान में, घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें अगस्त 2024 से अपरिवर्तित हैं।
सभी की नजरें अब 1 फरवरी 2025 को पेश किए जाने वाले आम बजट पर टिकी हैं, जिसमें पेट्रोलियम उत्पादों पर कर में संभावित कटौती की उम्मीद है। यदि ऐसा होता है, तो घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में भी कमी आ सकती है, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी।
तब तक, उपभोक्ताओं को वर्तमान कीमतों के साथ समायोजन करना होगा और संभावित राहत के लिए आम बजट का इंतजार करना होगा। वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग भी एक विकल्प है, जिसे सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है।
आम जनता के लिए प्रश्न यह है: क्या घरेलू उपभोक्ताओं को जल्द ही राहत मिलेगी? इसका जवाब आम बजट 2025 में मिल सकता है। तब तक, सभी को धैर्य रखना होगा और आने वाले घोषणाओं का इंतजार करना होगा।