EPFO Pension Hike 2025 भारत में लाखों वरिष्ठ नागरिकों का जीवन कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) पर निर्भर है। यह पेंशन योजना, जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा प्रबंधित किया जाता है, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए एक आय का स्रोत है। हालांकि, वर्तमान पेंशन राशि जो मात्र ₹1,000 प्रतिमाह है, वह आज की बढ़ती महंगाई के दौर में बेहद अपर्याप्त है। इसी कारण पिछले कई वर्षों से पेंशनभोगियों द्वारा न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाकर ₹7,500 या इससे अधिक करने की मांग की जा रही है। आइए इस महत्वपूर्ण मुद्दे के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करें।
EPS-95 पेंशन योजना:
कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, नियोक्ता कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 8.33% EPFO में जमा करता है, जिसका उपयोग कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन के रूप में किया जाता है।
जब यह योजना 1995 में शुरू की गई थी, तब न्यूनतम पेंशन राशि ₹500 प्रतिमाह थी, जिसे 2014 में बढ़ाकर ₹1,000 कर दिया गया। तब से अब तक, इस राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि इस अवधि में महंगाई कई गुना बढ़ गई है।
वर्तमान पेंशन राशि और उसकी अपर्याप्तता
EPFO के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 78 लाख पेंशनभोगी EPS-95 के तहत पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश को न्यूनतम ₹1,000 प्रतिमाह ही मिलता है। यह राशि आज के समय में अत्यंत अपर्याप्त है, खासकर जब:
- महंगाई का बढ़ना: पिछले 10 वर्षों में खाद्य पदार्थों, आवास, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है।
- स्वास्थ्य संबंधी खर्च: वृद्धावस्था में स्वास्थ्य संबंधी खर्च बढ़ जाते हैं। दवाइयां, नियमित जांच और अन्य चिकित्सकीय खर्च ₹1,000 की राशि से कहीं अधिक होते हैं।
- आश्रितों का बोझ: कई पेंशनभोगियों के परिवार में आश्रित सदस्य भी होते हैं, जिनकी आवश्यकताओं को भी पूरा करना होता है।
एक अनुमान के अनुसार, एक वरिष्ठ नागरिक के लिए केवल बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए आज कम से कम ₹5,000-7,000 प्रतिमाह की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, ₹1,000 की पेंशन राशि उनकी आवश्यकताओं का मात्र 15-20% ही पूरा कर पाती है।
पेंशनभोगियों की मांग और आंदोलन
EPS-95 पेंशनभोगी संघ और अन्य संगठन पिछले कई वर्षों से पेंशन राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- न्यूनतम पेंशन ₹7,500: वे चाहते हैं कि न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाकर ₹7,500 प्रतिमाह किया जाए, जो बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपेक्षाकृत उचित है।
- महंगाई भत्ता: वे मांग कर रहे हैं कि पेंशन के साथ महंगाई भत्ता भी जोड़ा जाए, जैसा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है।
- चिकित्सा सुविधाएं: वृद्धावस्था में स्वास्थ्य देखभाल महत्वपूर्ण होती है, इसलिए वे चिकित्सा सुविधाओं के लिए अतिरिक्त सहायता की मांग कर रहे हैं।
पेंशनभोगियों ने अपनी मांगों के समर्थन में विभिन्न शहरों में प्रदर्शन, धरना और रैलियां आयोजित की हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में हजारों पेंशनभोगियों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए हैं। कई राज्यों में पेंशनभोगियों ने राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपे हैं।
वृद्ध पेंशनरों की वास्तविक समस्याएं
75 वर्षीय रामकिशन शर्मा एक EPS-95 पेंशनभोगी हैं, जो पिछले 15 वर्षों से ₹1,200 प्रति माह पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। वे कहते हैं, “मेरी मासिक दवाइयों का खर्च ही ₹2,000 से अधिक है। मेरी पत्नी भी बीमार रहती है। हमारे बच्चे अलग रहते हैं और उनकी भी अपनी आर्थिक समस्याएं हैं। ऐसे में हम ₹1,200 की पेंशन से कैसे गुजारा करें?”
सीता देवी, 68 वर्ष, जो कोलकाता से हैं, बताती हैं, “मेरे पति की मृत्यु के बाद मुझे पारिवारिक पेंशन के रूप में ₹1,000 मिलते हैं। किराए का मकान है, जिसका किराया ₹3,000 है। मुझे अपने बेटे पर निर्भर रहना पड़ता है, जो अच्छा नहीं लगता।”
इन कहानियों से स्पष्ट है कि वर्तमान पेंशन राशि पेंशनभोगियों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बिल्कुल अपर्याप्त है।
पेंशन बढ़ाने से होने वाले लाभ
यदि सरकार EPS-95 पेंशन को बढ़ाकर ₹7,500 या इससे अधिक करती है, तो इसके निम्नलिखित लाभ होंगे:
- आर्थिक स्वावलंबन: पेंशनभोगी आर्थिक रूप से अधिक स्वावलंबी बन सकेंगे और अपनी बुनियादी जरूरतों को बिना किसी अन्य पर निर्भर हुए पूरा कर सकेंगे।
- जीवन स्तर में सुधार: बढ़ी हुई पेंशन से उनका जीवन स्तर सुधरेगा और वे अधिक सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे।
- स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच: अधिक पेंशन के साथ, वे अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दे सकेंगे और आवश्यक चिकित्सा सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे।
- मानसिक शांति: आर्थिक सुरक्षा से मानसिक तनाव कम होगा, जिससे उनके समग्र स्वास्थ्य और भलाई में सुधार होगा।
- अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव: बढ़ी हुई पेंशन से वरिष्ठ नागरिकों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।
सरकार के समक्ष चुनौतियां
हालांकि, पेंशन राशि बढ़ाने में सरकार के समक्ष कुछ चुनौतियां भी हैं:
- वित्तीय बोझ: पेंशन राशि बढ़ाने से EPFO पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। अनुमानित तौर पर, यदि न्यूनतम पेंशन ₹7,500 की जाती है, तो EPFO को प्रति वर्ष अतिरिक्त ₹50,000-60,000 करोड़ की आवश्यकता होगी।
- फंड की स्थिरता: EPFO पेंशन फंड की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करना भी एक चुनौती है।
- अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर प्रभाव: अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता से अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए उपलब्ध संसाधन प्रभावित हो सकते हैं।
संभावित समाधान
पेंशन बढ़ाने के लिए कुछ संभावित समाधान इस प्रकार हैं:
- चरणबद्ध वृद्धि: पेंशन राशि को एक साथ ₹7,500 तक बढ़ाने के बजाय, इसे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जा सकता है। जैसे पहले चरण में ₹3,000, फिर ₹5,000 और अंत में ₹7,500।
- अतिरिक्त संसाधन जुटाना: सरकार और EPFO को अतिरिक्त संसाधन जुटाने के तरीके खोजने होंगे, जैसे निवेश रणनीतियों में सुधार और बेहतर फंड प्रबंधन।
- अंशदान दर में वृद्धि: EPS में नियोक्ता के अंशदान की दर को थोड़ा बढ़ाया जा सकता है, जिससे अतिरिक्त धन जुटाया जा सके।
- केंद्र और राज्य सरकारों का समर्थन: केंद्र और राज्य सरकारें अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान कर सकती हैं।
मौजूदा स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
वर्तमान में, सरकार इस मामले पर विचार कर रही है। श्रम मंत्रालय और EPFO के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर कई बैठकें की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी EPS-95 पेंशनभोगियों की याचिका पर संज्ञान लिया है और सरकार से जवाब मांगा है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार जल्द ही इस मामले पर कोई ठोस निर्णय ले सकती है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है कि पेंशन कब और कितनी बढ़ाई जाएगी।
EPS-95 पेंशन योजना के तहत पात्रता मानदंड
EPS-95 पेंशन योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए, व्यक्ति को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा:
- सेवा अवधि: कम से कम 10 वर्ष की सेवा अवधि पूरी करनी होगी।
- आयु: पेंशन प्राप्त करने के लिए व्यक्ति की आयु 58 वर्ष या अधिक होनी चाहिए। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में 50 वर्ष की आयु में भी आंशिक पेंशन प्राप्त की जा सकती है।
- EPF सदस्यता: व्यक्ति को EPS-95 योजना का सदस्य होना चाहिए, जिसके लिए उसके नियोक्ता को उसके वेतन का 8.33% EPS खाते में जमा करना होगा।
- फॉर्म सबमिशन: पेंशन प्राप्त करने के लिए, व्यक्ति को फॉर्म 10-D भरकर EPFO के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय में जमा करना होगा।
EPS-95 पेंशन में वृद्धि एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो लाखों वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को प्रभावित करता है। वर्तमान ₹1,000 की न्यूनतम पेंशन आज की महंगाई के दौर में अत्यंत अपर्याप्त है। पेंशनभोगियों की मांग न्यूनतम पेंशन को ₹7,500 तक बढ़ाने की है, जो उचित और न्यायसंगत प्रतीत होती है।
यद्यपि सरकार के सामने इस मांग को पूरा करने में कुछ वित्तीय चुनौतियां हैं, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण और सम्मान के लिए इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना आवश्यक है। आशा है कि सरकार जल्द ही इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम उठाएगी, जिससे लाखों वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिलेगी और वे सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे।
वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश के विकास में योगदान दिया है। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें सम्मानजनक जीवन और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना न केवल सरकार की जिम्मेदारी है, बल्कि एक सभ्य समाज का नैतिक दायित्व भी है।