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लोन लिया है तो हो जाएं सावधान! EMI बाउंस होते ही हो सकती है बड़ी कार्रवाई – EMI Bounce

EMI Bounce आधुनिक जीवनशैली में लोन एक अभिन्न अंग बन गया है। आज के समय में लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी प्रकार का लोन लेता है – चाहे वह घर खरीदने के लिए होम लोन हो, वाहन खरीदने के लिए कार लोन हो, या फिर अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन। लोन लेने के बाद उसे चुकाने की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण पहलू है – ईएमआई (इक्विटेड मंथली इंस्टालमेंट) का समय पर भुगतान।

परंतु जीवन में कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जब हम अपनी ईएमआई का भुगतान समय पर नहीं कर पाते। ऐसी स्थिति को ‘ईएमआई बाउंस’ कहा जाता है। यह एक सामान्य सी लगने वाली समस्या हमारे वित्तीय भविष्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।

ईएमआई बाउंस क्या होता है?

जब आपके बैंक खाते में ईएमआई काटने के नियत दिन पर्याप्त धनराशि नहीं होती और बैंक आपकी लोन किस्त नहीं काट पाता, तो इसे ‘ईएमआई बाउंस’ कहते हैं। यह केवल एक सामान्य चूक नहीं है, बल्कि आपके क्रेडिट इतिहास पर एक गहरा धब्बा है, जिसका प्रभाव आपके वित्तीय जीवन पर लंबे समय तक रह सकता है।

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ईएमआई बाउंस के प्रमुख कारण

  1. अपर्याप्त खाता शेष: सबसे आम कारण है कि भुगतान की तारीख पर आपके खाते में पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं होती।
  2. बैंक खाते में तकनीकी समस्या: कभी-कभी आपके खाते से संबंधित तकनीकी समस्याओं के कारण भी ईएमआई बाउंस हो सकती है।
  3. भुगतान तिथि भूल जाना: कई बार व्यस्तता के कारण हम अपनी ईएमआई की तारीख भूल जाते हैं और समय पर पैसे जमा नहीं कर पाते।
  4. आकस्मिक वित्तीय संकट: अचानक आने वाले खर्च जैसे मेडिकल इमरजेंसी या परिवार में किसी महत्वपूर्ण समारोह के कारण भी ईएमआई बाउंस हो सकती है।
  5. नौकरी या व्यवसाय में समस्या: रोजगार से संबंधित समस्याएं जैसे नौकरी छूटना या व्यवसाय में घाटा भी ईएमआई बाउंस का कारण बन सकता है।

ईएमआई बाउंस के दुष्प्रभाव

ईएमआई बाउंस होने पर आपको कई प्रकार के नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है:

1. वित्तीय प्रभाव

  • जुर्माना और अतिरिक्त शुल्क: बैंक ईएमआई बाउंस होने पर ₹300 से ₹1,000 तक का जुर्माना लगा सकता है। यह राशि बैंक और लोन के प्रकार के अनुसार अलग-अलग हो सकती है।
  • अतिरिक्त ब्याज: बकाया राशि पर अतिरिक्त ब्याज लगाया जा सकता है, जिससे आपकी कुल देनदारी बढ़ जाएगी।
  • वित्तीय बोझ: एक बार ईएमआई बाउंस होने पर आपको अगले महीने दो किस्तें चुकानी पड़ सकती हैं, जिससे आपका वित्तीय बोझ दोगुना हो जाता है।

2. क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव

  • क्रेडिट स्कोर में गिरावट: ईएमआई बाउंस होने पर आपके क्रेडिट स्कोर में 50-100 अंकों तक की गिरावट आ सकती है।
  • क्रेडिट हिस्ट्री पर धब्बा: यह समस्या आपके क्रेडिट रिपोर्ट में 7 साल तक दर्ज रह सकती है, जिससे भविष्य में वित्तीय सेवाओं का लाभ उठाना मुश्किल हो सकता है।

3. भविष्य की ऋण पात्रता पर प्रभाव

  • लोन अस्वीकृति: खराब क्रेडिट स्कोर के कारण भविष्य में आपके लोन आवेदन को अस्वीकार किया जा सकता है।
  • उच्च ब्याज दरें: यदि आपका लोन स्वीकृत भी होता है, तो आपको उच्च ब्याज दरें देनी पड़ सकती हैं।
  • कम लोन राशि: बैंक आपको आवश्यकता से कम राशि का लोन देने का निर्णय ले सकता है।

4. कानूनी परिणाम

  • कानूनी नोटिस: लगातार ईएमआई बाउंस होने पर बैंक आपको कानूनी नोटिस भेज सकता है।
  • संपत्ति जब्त करना: अगर आप होम लोन या कार लोन की किस्तें नहीं चुका पाते, तो बैंक आपकी संपत्ति जब्त कर सकता है।
  • कोर्ट केस: गंभीर मामलों में बैंक आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है।

ईएमआई बाउंस होने पर क्या करें?

अगर आपकी ईएमआई बाउंस हो जाती है, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:

1. तत्काल कार्रवाई करें

  • बैंक से संपर्क करें: जितनी जल्दी हो सके, अपने बैंक या लोन प्रदाता से संपर्क करें और उन्हें स्थिति से अवगत कराएं।
  • बकाया राशि जमा करें: बाउंस हुई ईएमआई और अतिरिक्त शुल्क का भुगतान जल्द से जल्द करें।

2. वित्तीय प्रबंधन

  • आय और व्यय का पुनर्मूल्यांकन: अपनी आय और खर्चों का पुनर्मूल्यांकन करें और अनावश्यक खर्चों को कम करें।
  • अतिरिक्त आय के स्रोत खोजें: ईएमआई का भुगतान करने के लिए अतिरिक्त आय के स्रोत खोजें, जैसे पार्ट-टाइम काम या फ्रीलांसिंग।

3. बैंक से बातचीत

  • पुनर्निर्धारण का अनुरोध करें: यदि आपकी वित्तीय स्थिति अस्थायी रूप से कमजोर है, तो बैंक से ईएमआई को पुनर्निर्धारित करने का अनुरोध करें।
  • ईएमआई की राशि कम करने का प्रस्ताव रखें: अगर संभव हो तो, बैंक से लोन की अवधि बढ़ाकर ईएमआई की राशि कम करने का प्रस्ताव रखें।

ईएमआई बाउंस से बचने के उपाय

ईएमआई बाउंस से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

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1. सही वित्तीय योजना

  • बजट बनाएं: अपनी आय और खर्च का विस्तृत बजट बनाएं और उसका पालन करें।
  • आपातकालीन फंड बनाएं: कम से कम 3-6 महीने की ईएमआई के बराबर आपातकालीन फंड रखें।

2. स्मार्ट बैंकिंग प्रथाएं

  • ऑटो-डेबिट सुविधा का उपयोग करें: अपने बैंक खाते से ईएमआई के लिए ऑटो-डेबिट सुविधा सक्रिय करें।
  • रिमाइंडर सेट करें: अपने मोबाइल फोन या कैलेंडर में ईएमआई की तारीख के लिए रिमाइंडर सेट करें।
  • पर्याप्त बैलेंस सुनिश्चित करें: ईएमआई की तारीख से कम से कम 2-3 दिन पहले अपने खाते में पर्याप्त राशि जमा करें।

3. समझदारी से लोन लें

  • अपनी क्षमता के अनुसार लोन लें: अपनी चुकाने की क्षमता का सही आकलन करके ही लोन लें।
  • कम ब्याज दरों वाले बैंकों का चयन करें: विभिन्न बैंकों की तुलना करके सबसे कम ब्याज दर वाले बैंक से लोन लें।
  • अतिरिक्त लोन लेने से बचें: एक से अधिक लोन लेने से बचें, क्योंकि इससे आपका वित्तीय बोझ बढ़ सकता है।

ईएमआई को समय से पहले चुकाने के लाभ

अगर आप अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत कर लेते हैं, तो ईएमआई को समय से पहले चुकाने के निम्नलिखित लाभ हैं:

  1. ब्याज बचत: लोन जल्दी चुकाने से आप भारी मात्रा में ब्याज बचा सकते हैं।
  2. वित्तीय बोझ से मुक्ति: लोन चुकाने के बाद आप अपनी आय का बेहतर उपयोग कर सकते हैं।
  3. क्रेडिट स्कोर में सुधार: समय से पहले लोन चुकाने से आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार होता है।

ईएमआई बाउंस एक छोटी सी गलती लग सकती है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करके, समझदारी से लोन लेकर और नियमित रूप से ईएमआई का भुगतान करके आप इस समस्या से बच सकते हैं।

यदि कभी आपकी ईएमआई बाउंस होती है, तो घबराए बिना तुरंत कार्रवाई करें और अपनी वित्तीय स्थिति को पटरी पर लाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। याद रखें, वित्तीय अनुशासन और सजगता से ही आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं और एक सुरक्षित वित्तीय भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

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