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EMI बाउंस होते ही बढ़ेगी मुश्किल! तुरंत करें ये 4 काम वरना होगा बड़ा नुकसान Home loan EMI Rules

Home loan EMI Rules  आज के आर्थिक परिदृश्य में, अपना खुद का घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। इस सपने को पूरा करने के लिए अधिकांश लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। हालांकि, कभी-कभी जीवन में अप्रत्याशित परिस्थितियां आ जाती हैं जो हमारी वित्तीय स्थिति को प्रभावित करती हैं। नौकरी चली जाना, स्वास्थ्य समस्याएं, पारिवारिक आपात स्थितियां या अन्य आर्थिक संकट – इन सभी कारणों से होम लोन की ईएमआई (ईक्विटेड मंथली इंस्टालमेंट) का भुगतान करना मुश्किल हो सकता है।

इस लेख में, हम इस बारे में विस्तार से जानेंगे कि अगर आप अपनी होम लोन की ईएमआई समय पर नहीं चुका पा रहे हैं, तो क्या कदम उठाए जा सकते हैं और कैसे इस स्थिति से निपटा जा सकता है।

ईएमआई बाउंस होने के प्रमुख कारण

इससे पहले कि हम समाधान की ओर बढ़ें, आइए जानते हैं कि आखिर क्यों कई लोगों की होम लोन की ईएमआई बाउंस हो जाती है:

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  1. अनियमित आय: फ्रीलांसर या स्वरोजगार वाले लोगों की आय अनिश्चित होती है, जिससे नियमित ईएमआई चुकाना मुश्किल हो सकता है।
  2. आर्थिक संकट: अचानक नौकरी जाना, व्यवसाय में नुकसान या कोई बड़ा मेडिकल खर्च आने से वित्तीय स्थिति बिगड़ सकती है।
  3. अत्यधिक कर्ज: कई लोग एक साथ कई प्रकार के कर्ज लेते हैं, जिससे ईएमआई का बोझ बढ़ जाता है।
  4. गलत वित्तीय नियोजन: बिना सही वित्तीय योजना के लोन लेना भी ईएमआई बाउंस होने का कारण बन सकता है।
  5. सैलरी और ईएमआई डेट का मेल न होना: कई बार सैलरी क्रेडिट होने की तारीख और ईएमआई कटने की तारीख में अंतर होने से भी ईएमआई बाउंस हो जाती है।

ईएमआई बाउंस होने पर क्या करें – एक चरणबद्ध मार्गदर्शिका

1. पहली बार ईएमआई बाउंस होने पर

अगर पहली बार आपकी होम लोन ईएमआई बाउंस हुई है, तो घबराएं नहीं। यह एक आम समस्या है जिसका समाधान संभव है:

  • बैंक से तुरंत संपर्क करें: अपने लोन अधिकारी या बैंक मैनेजर से बात करें और उन्हें अपनी स्थिति के बारे में बताएं।
  • बकाया राशि जल्द से जल्द चुकाएं: बाउंस ईएमआई को जितनी जल्दी हो सके चुका दें, ताकि अतिरिक्त लेट फीस और पेनल्टी से बचा जा सके।
  • बाउंस होने का कारण स्पष्ट करें: बैंक को अपनी परिस्थितियों के बारे में स्पष्ट रूप से बताएं, जिससे वे आपकी समस्या को समझ सकें।
  • रिसर्च करें: अधिकांश बैंक ग्राहकों को 15-30 दिनों का ग्रेस पीरियड देते हैं, जिसके दौरान आप बिना किसी अतिरिक्त जुर्माने के अपनी ईएमआई चुका सकते हैं।

2. बार-बार ईएमआई बाउंस होने पर

यदि आपकी ईएमआई लगातार बाउंस हो रही है, तो स्थिति अधिक गंभीर है और आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  • बैंक से मिलकर विकल्पों पर चर्चा करें: बैंक के साथ खुली बातचीत रखें और अपनी वित्तीय स्थिति का विवरण दें।
  • लोन रीस्ट्रक्चरिंग का प्रस्ताव रखें: बैंक से अनुरोध करें कि वे आपके लोन को रीस्ट्रक्चर करें, जिससे ईएमआई की राशि कम हो जाए और चुकाने का समय बढ़ जाए।
  • ब्रेक पीरियड के लिए आवेदन करें: कुछ बैंक वित्तीय संकट के समय ग्राहकों को 3-6 महीने का ब्रेक पीरियड देते हैं, जिसके दौरान आपको केवल ब्याज का भुगतान करना होता है।
  • अपने खर्चों को कम करें: अपने मासिक खर्चों की समीक्षा करें और गैर-जरूरी खर्चों को कम करें ताकि ईएमआई के लिए धन बचाया जा सके।

3. वित्तीय संकट के दौरान ईएमआई प्रबंधन

अगर आप गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं, तो इन कदमों पर विचार करें:

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  • बैलेंस ट्रांसफर: अगर आपका मौजूदा ब्याज दर अधिक है, तो कम ब्याज दर वाले बैंक में अपना लोन ट्रांसफर करने पर विचार करें।
  • आंशिक प्री-पेमेंट: यदि आपके पास कुछ बचत है, तो लोन का आंशिक प्री-पेमेंट करें, जिससे ईएमआई या लोन की अवधि कम हो जाएगी।
  • अतिरिक्त आय के स्रोत तलाशें: पार्ट-टाइम काम या फ्रीलांसिंग जैसे विकल्पों पर विचार करें जो आपकी आय बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
  • परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण: यदि आवश्यक हो, तो किसी अन्य संपत्ति या निवेश को बेचकर अपने होम लोन का निपटान करने पर विचार करें।

ईएमआई बाउंस के प्रभाव

ईएमआई बाउंस के कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, जिनसे आपको अवगत होना चाहिए:

  1. क्रेडिट स्कोर का गिरना: लगातार ईएमआई बाउंस होने से आपका सिबिल स्कोर कम हो जाता है, जिससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
  2. अतिरिक्त शुल्क और जुर्माना: बैंक बाउंस ईएमआई पर अतिरिक्त शुल्क और जुर्माना लगाते हैं, जो आपके वित्तीय बोझ को और बढ़ा देता है।
  3. कानूनी कार्रवाई: लंबे समय तक ईएमआई न चुकाने पर बैंक कानूनी कार्रवाई कर सकता है, जिसमें संपत्ति की कुर्की भी शामिल है।
  4. डिफॉल्टर का टैग: बार-बार ईएमआई बाउंस होने पर आपको डिफॉल्टर घोषित किया जा सकता है, जो आपके वित्तीय भविष्य के लिए हानिकारक है।

ईएमआई बाउंस से बचने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

  1. आपातकालीन कोष बनाएं: हमेशा अपनी 3-6 महीने की ईएमआई के बराबर एक आपातकालीन कोष रखें, जिससे अप्रत्याशित परिस्थितियों में मदद मिल सके।
  2. ऑटो-पेमेंट सेट करें: अपने बैंक अकाउंट से ऑटो-डेबिट या स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन सेट करें, ताकि ईएमआई का भुगतान स्वचालित रूप से हो सके।
  3. सैलरी और ईएमआई डेट का मेल करें: अपनी सैलरी क्रेडिट होने की तारीख और ईएमआई कटने की तारीख के बीच पर्याप्त अंतर रखें।
  4. ईएमआई कैलकुलेटर का उपयोग करें: लोन लेने से पहले ईएमआई कैलकुलेटर का उपयोग करके अपनी चुकाने की क्षमता का आकलन करें।
  5. बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस रखें: हमेशा अपने बैंक अकाउंट में ईएमआई राशि से अधिक बैलेंस रखें, ताकि किसी भी छोटे-मोटे खर्च के बावजूद ईएमआई बाउंस न हो।
  6. नियमित रूप से अपने वित्तीय स्थिति की समीक्षा करें: हर महीने अपनी आय, खर्च और बचत की समीक्षा करें और जरूरत पड़ने पर अपने बजट में बदलाव करें।

होम लोन की ईएमआई का भुगतान न कर पाना एक आम समस्या है, लेकिन इसका समाधान अवश्य है। सबसे महत्वपूर्ण है कि आप इस स्थिति से घबराएं नहीं और बैंक के साथ खुली बातचीत रखें। अगर आप सही समय पर उचित कदम उठाते हैं, तो न केवल अपनी वित्तीय स्थिति को सुधार सकते हैं, बल्कि अपने क्रेडिट स्कोर को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

याद रखें, होम लोन एक दीर्घकालिक प्रतिबद्धता है और इसे सुचारू रूप से चलाने के लिए उचित वित्तीय नियोजन और अनुशासन की आवश्यकता होती है। समय पर सही कदम उठाकर आप न केवल अपने घर के सपने को बचा सकते हैं, बल्कि अपने वित्तीय भविष्य को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

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