gas cylinders नये वर्ष 2025 की शुरुआत में देश के व्यावसायिक क्षेत्र को एक बड़ी राहत मिली है। तेल विपणन कंपनियों ने 19 किलोग्राम के व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। यह कटौती देश के प्रमुख महानगरों – दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में लागू की गई है, जिससे होटल, रेस्तरां और खानपान से जुड़े अन्य व्यवसायों को महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ मिलने की उम्मीद है।
पिछले वर्ष दिसंबर 2024 में एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद, यह कटौती व्यावसायिक क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक शुरुआत है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतों में आई गिरावट इस कटौती का प्रमुख कारण है। आइए विस्तार से जानें कि विभिन्न शहरों में कितनी कटौती हुई है और इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
प्रमुख महानगरों में कीमतों में कितनी गिरावट?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 14.50 रुपये की कटौती
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1818.50 रुपये से घटकर 1804 रुपये हो गई है। यह 14.50 रुपये की कटौती दिल्ली के छोटे और मध्यम व्यवसायों, विशेष रूप से फूड कोर्ट, स्ट्रीट फूड विक्रेताओं और होटल उद्योग के लिए लाभकारी साबित होगी।
दिल्ली के कनॉट प्लेस क्षेत्र में संचालित एक प्रसिद्ध रेस्तरां के मालिक विनीत अग्रवाल के अनुसार, “हमारे जैसे व्यवसायों के लिए हर रुपये का महत्व है। हम प्रतिदिन कई सिलेंडर का उपयोग करते हैं, इसलिए यह कटौती हमारे मासिक खर्चों को कम करने में मदद करेगी। हालांकि हम और अधिक राहत की उम्मीद करते हैं।”
मुंबई में 15 रुपये की कमी
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1771 रुपये से घटकर 1756 रुपये हो गई है, जिससे उपभोक्ताओं को 15 रुपये प्रति सिलेंडर की बचत होगी। मुंबई में होटल और रेस्तरां व्यवसाय के साथ-साथ कैटरिंग सेवाओं के लिए यह कटौती महत्वपूर्ण है।
मुंबई होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश शेट्टी ने कहा, “हमारे सदस्य इस कटौती का स्वागत करते हैं। मुंबई में प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक है और उपभोक्ता अक्सर कीमतों के प्रति संवेदनशील होते हैं। यह कटौती हमें मूल्य स्थिरता बनाए रखने में मदद करेगी।”
कोलकाता को सबसे अधिक 16 रुपये की राहत
पूर्वी भारत के प्रमुख महानगर कोलकाता के व्यापारियों को सबसे अधिक लाभ मिला है। यहां व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1927 रुपये से घटकर 1911 रुपये हो गई है, जिससे प्रति सिलेंडर 16 रुपये की बचत होगी। बंगाल की समृद्ध खाद्य संस्कृति और होटल व्यवसाय को इस कटौती से निश्चित रूप से लाभ होगा।
पार्क स्ट्रीट के एक प्रतिष्ठित रेस्तरां के प्रबंधक अनिरुद्ध दास ने बताया, “बंगाली व्यंजनों की तैयारी में गैस का अधिक उपयोग होता है। हम प्रतिदिन कई सिलेंडर का उपयोग करते हैं, इसलिए यह कटौती हमारे परिचालन लागत को कम करेगी, जिससे हम अपने ग्राहकों को अधिक किफायती मूल्य पर सेवा प्रदान कर सकेंगे।”
चेन्नई में 14.50 रुपये की कटौती
दक्षिण भारत के प्रमुख औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्र चेन्नई में भी व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1980.50 रुपये से घटकर 1966 रुपये हो गई है। यह 14.50 रुपये की कटौती दक्षिण भारतीय खाद्य उद्योग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहां इडली, डोसा और अन्य पारंपरिक व्यंजनों की तैयारी में गैस का अधिक उपयोग होता है।
चेन्नई होटल ओनर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता रामनाथन के अनुसार, “पर्यटन मौसम के दौरान यह कटौती अत्यधिक उपयोगी है। हमारे कई सदस्य प्रतिदिन 5-6 सिलेंडर का उपयोग करते हैं, और इस कटौती से उन्हें महीने के अंत में काफी बचत होगी।”
घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं
जहां व्यावसायिक उपभोक्ताओं को राहत मिली है, वहीं 14 किलोग्राम वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। वर्तमान में, विभिन्न महानगरों में घरेलू सिलेंडर की कीमतें इस प्रकार हैं:
- दिल्ली: 803 रुपये
- मुंबई: 802.50 रुपये
- कोलकाता: 829 रुपये
- चेन्नई: 818.50 रुपये
उपभोक्ता मामलों के विशेषज्ञ डॉ. अनुपम सिन्हा के अनुसार, “हालांकि घरेलू उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिली है, लेकिन बढ़ती मुद्रास्फीति के माहौल में कीमतों का स्थिर रहना भी एक सकारात्मक संकेत है। सरकार सब्सिडी के माध्यम से पहले से ही घरेलू उपभोक्ताओं को समर्थन प्रदान कर रही है।”
व्यापारिक समुदाय पर प्रभाव
यह कीमत कटौती विशेष रूप से छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपने दैनिक संचालन के लिए एलपीजी पर निर्भर हैं। अखिल भारतीय रेस्तरां और होटल संघ के अध्यक्ष प्रदीप शेट्टी ने बताया, “कोविड-19 महामारी के बाद से खानपान उद्योग अभी भी पूरी तरह से उबर नहीं पाया है। ऐसे में कच्चे माल और ईंधन की कीमतों में किसी भी प्रकार की कमी स्वागत योग्य है।”
व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर का उपयोग करने वाले एक औसत रेस्तरां के लिए, जो प्रतिदिन 3-4 सिलेंडर का उपयोग करता है, यह कटौती मासिक आधार पर लगभग 1,500-2,000 रुपये की बचत का अवसर प्रदान करती है। यह राशि छोटे व्यवसायों के लिए अतिरिक्त उपकरण खरीदने या अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहन देने के लिए उपयोग की जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझान और भविष्य की संभावनाएं
अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतों में गिरावट इस कटौती का प्रमुख कारण है। वैश्विक ऊर्जा विशेषज्ञ राजीव मिश्रा के अनुसार, “अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊर्जा की कीमतों में स्थिरता आई है। पश्चिम एशिया में तनाव के बावजूद, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला अधिक प्रभावी ढंग से काम कर रही है, जिससे कीमतों में कमी आई है।”
विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में और अधिक राहत मिल सकती है, विशेष रूप से यदि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं। भारत, जो अपनी एलपीजी आवश्यकताओं का लगभग 55% आयात करता है, वैश्विक कीमतों में किसी भी परिवर्तन से सीधे प्रभावित होता है।
नीतिगत निहितार्थ और भविष्य की योजनाएं
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह कटौती सरकार की मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और व्यापार-अनुकूल वातावरण बनाने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, “सरकार लगातार एलपीजी आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित करने और वितरण प्रणाली को अधिक कुशल बनाने पर काम कर रही है। इससे भविष्य में और अधिक लागत बचत हो सकती है, जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।”
सरकार स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है, और एलपीजी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। व्यावसायिक क्षेत्र द्वारा एलपीजी का अधिक उपयोग पर्यावरण संरक्षण में मदद करता है, क्योंकि यह परंपरागत ईंधन जैसे कोयला और लकड़ी की तुलना में कम प्रदूषणकारी है।
2025 की शुरुआत में व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में आई यह कटौती छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि कटौती की राशि अपेक्षाकृत कम है, फिर भी यह उन व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण है जो हर दिन कई सिलेंडर का उपयोग करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतों में स्थिरता के साथ, आने वाले महीनों में और अधिक राहत की उम्मीद की जा सकती है।
व्यावसायिक समुदाय इस कदम का स्वागत करता है और उम्मीद करता है कि सरकार घरेलू सिलेंडर की कीमतों में भी कटौती की दिशा में कदम उठाएगी। अंततः, स्थिर ऊर्जा कीमतें न केवल व्यवसायों के लिए लाभकारी हैं, बल्कि समग्र आर्थिक विकास और उपभोक्ता कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।