RBI Guidelines क्या आप जानते हैं कि भारत में सबसे अधिक नकली नोट किस मूल्यवर्ग के हैं? हाल ही में जारी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि वर्तमान में 100 रुपये के नकली नोट सबसे अधिक मात्रा में पकड़े जा रहे हैं। यह एक चिंताजनक तथ्य है, क्योंकि 100 रुपये का नोट दैनिक लेन-देन में सर्वाधिक प्रयोग किया जाने वाला नोट है।
इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जागरूकता फैलाने और आपको सुरक्षित रखने के लिए, आइए विस्तार से जानें कि कैसे 100 रुपये के असली नोट को नकली से अलग पहचाना जा सकता है।
असली 100 रुपये के नोट की प्रमुख विशेषताएँ
नोट का सामने का भाग
- स्पष्ट मुद्रण गुणवत्ता: असली 100 रुपये के नोट में सभी अक्षर, संख्याएँ और चिह्न अत्यंत स्पष्ट और तेज़ मुद्रित होते हैं। “भारत”, “RBI”, “INDIA” और “100” जैसे शब्द तथा अंक उच्च गुणवत्ता वाली मुद्रण तकनीक से बनाए जाते हैं।
- देवनागरी में मूल्य अंकन: नोट पर देवनागरी लिपि में “१००” अंकित होता है, जो स्पष्ट और सुपाठ्य होता है।
- महात्मा गांधी का चित्र: नोट के मध्य भाग में महात्मा गांधी का चित्र विशेष इंटैग्लियो मुद्रण तकनीक से बनाया जाता है, जिससे इसे स्पर्श करने पर उभार महसूस होता है।
- सुरक्षा धागा (सिक्योरिटी थ्रेड): असली नोट में एक विशेष सुरक्षा धागा होता है जो नोट को तिरछा देखने पर हरे से नीले रंग में परिवर्तित होता है। यह नोट के बाईं ओर से दाईं ओर तक फैला होता है और थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बाहर निकलता है।
- जलचिह्न (वॉटरमार्क): नोट को प्रकाश के सामने रखकर देखने पर महात्मा गांधी का जलचिह्न और “100” अंक दिखाई देता है। यह जलचिह्न बिना किसी विशेष रंग के होता है और केवल प्रकाश में ही दिखाई देता है।
नोट का पिछला भाग
- मुद्रण वर्ष: हर असली नोट पर मुद्रण का वर्ष अंकित होता है, जो नोट के पिछले भाग पर नीचे की ओर छपा होता है।
- विभिन्न भारतीय भाषाओं में मूल्य: नोट के पिछले भाग पर “सौ रुपये” 15 भारतीय भाषाओं में लिखा होता है।
- अशोक स्तंभ का प्रतीक: इस प्रतीक को अत्यंत सावधानी से और उच्च गुणवत्ता के साथ मुद्रित किया जाता है, जिससे यह स्पष्ट और सुपाठ्य दिखाई देता है।
- सांची स्तूप का चित्र: 100 रुपये के नोट के पिछले भाग पर सांची स्तूप का चित्र होता है, जो अत्यंत विस्तार से मुद्रित किया जाता है।
नकली नोट की पहचान कैसे करें?
नकली नोटों में अक्सर निम्नलिखित कमियां पाई जाती हैं:
- अस्पष्ट मुद्रण: नकली नोटों में अक्षर और चिह्न धुंधले या अस्पष्ट होते हैं। विशेष रूप से, “RBI”, “भारत” और “100” जैसे शब्द तथा अंक फीके या अस्पष्ट दिखाई देते हैं।
- सुरक्षा धागे में दोष: नकली नोटों में या तो सुरक्षा धागा नहीं होता या फिर इसकी गुणवत्ता खराब होती है। इसमें रंग परिवर्तन की विशेषता भी नहीं होती।
- अनुपस्थित या खराब जलचिह्न: नकली नोटों में जलचिह्न या तो अनुपस्थित होता है या फिर बहुत ही खराब गुणवत्ता का होता है, जो प्रकाश में रखने पर भी स्पष्ट नहीं दिखता।
- महात्मा गांधी का अस्पष्ट चित्र: नकली नोटों में महात्मा गांधी का चित्र धुंधला या अस्पष्ट होता है और इसमें उभार भी महसूस नहीं होता।
- कागज़ की गुणवत्ता: असली नोट विशेष सुरक्षित कागज़ पर मुद्रित होते हैं, जबकि नकली नोट साधारण कागज़ पर बनाए जाते हैं, जिससे उनकी अनुभूति और टिकाऊपन में अंतर होता है।
नकली नोट मिलने पर क्या करें?
यदि आपको कोई नकली नोट मिलता है, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:
- तुरंत सूचित करें: नकली नोट को अपने पास रखना कानूनी अपराध है। ऐसे नोट को पाते ही नज़दीकी बैंक शाखा या पुलिस स्टेशन में जमा करें।
- रसीद प्राप्त करें: बैंक में नकली नोट जमा करते समय एक रसीद अवश्य प्राप्त करें, जिससे यह प्रमाणित हो सके कि आपने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है।
- स्रोत की जानकारी दें: यदि संभव हो, तो बताएं कि आपको यह नोट कहां से प्राप्त हुआ, ताकि अधिकारी नकली नोट के स्रोत का पता लगा सकें।
RBI और सरकार के प्रयास
भारतीय रिज़र्व बैंक और सरकार द्वारा नकली मुद्रा के प्रसार को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा रहे हैं:
- उन्नत सुरक्षा विशेषताएँ: नए नोटों में अत्याधुनिक सुरक्षा विशेषताएँ शामिल की जा रही हैं, जिन्हें कॉपी करना अत्यंत कठिन है।
- बैंक कर्मचारियों का प्रशिक्षण: बैंक कर्मचारियों को नकली नोटों की पहचान के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन: सरकार डिजिटल भुगतान प्रणालियों को बढ़ावा दे रही है, जिससे नकदी के उपयोग में कमी आए और नकली नोटों की समस्या से निपटा जा सके।
- जागरूकता अभियान: RBI और सरकार द्वारा लोगों को नकली मुद्रा के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न अभियान चलाए जा रहे हैं।
डिजिटल तरीके से नोट की जांच
RBI ने आम जनता के लिए एक सुविधाजनक पोर्टल “पैसा बोलता है” (https://paisaboltahai.rbi.org.in) लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर आप:
- सभी मूल्यवर्ग के नोटों की सुरक्षा विशेषताओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- असली और नकली नोटों के बीच अंतर को समझने के लिए तुलनात्मक चित्र देख सकते हैं।
- नोट वेरिफिकेशन से संबंधित अपने प्रश्नों के उत्तर पा सकते हैं।
भविष्य की तकनीक
भविष्य में, RBI और सरकार निम्नलिखित तकनीकों को अपनाने की योजना बना रही है:
- बायोमेट्रिक पहचान: नोटों में बायोमेट्रिक पहचान तकनीक को शामिल करने की संभावना है।
- नैनो टेक्नोलॉजी: नैनो टेक्नोलॉजी का उपयोग करके नोटों में ऐसे सुरक्षा फीचर्स शामिल किए जा सकते हैं, जिन्हें नकल करना असंभव होगा।
- डिजिटल रुपया: RBI द्वारा डिजिटल रुपया का विकास किया जा रहा है, जिससे भविष्य में नकदी के उपयोग में कमी आएगी और नकली मुद्रा की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।
जागरूकता ही बचाव है
100 रुपये के नकली नोटों का प्रसार एक गंभीर समस्या है, लेकिन जागरूकता और सतर्कता से इससे बचा जा सकता है। हर बार नोट लेते समय उसकी सुरक्षा विशेषताओं की जांच करना एक अच्छी आदत बनाएं। याद रखें, नकली मुद्रा न केवल व्यक्तिगत नुकसान का कारण बनती है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है।
RBI की चेतावनी को गंभीरता से लें और नकली नोटों से बचने के लिए सावधानी बरतें। अपने परिवार, मित्रों और समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ इस जानकारी को साझा करें, ताकि वे भी सुरक्षित रह सकें।
अंत में, डिजिटल भुगतान विकल्पों का अधिक से अधिक उपयोग करें, जिससे नकली मुद्रा के जोखिम से बचा जा सकता है और लेन-देन भी सुरक्षित रहता है।
सावधान रहें, जागरूक बनें और हर नोट को जांचकर ही स्वीकार करें – क्योंकि आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है।