Gas cylinder today price नए वित्तीय वर्ष के पहले महीने के दूसरे सप्ताह में आम नागरिकों को एक बड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने सोमवार, 8 अप्रैल 2025 को घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में 50 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। इस वृद्धि के बाद राजधानी दिल्ली में एक सामान्य उपभोक्ता को अब 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर के लिए 853 रुपये चुकाने होंगे। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार मूल्य वृद्धि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए भी की गई है, जिससे पहले से ही महंगाई से परेशान लोगों को एक और बड़ा झटका लगा है।
उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अब कितने रुपये में मिलेगा सिलेंडर?
उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए भी गैस सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये की वृद्धि की गई है। इस वृद्धि के बाद, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अब एक सिलेंडर के लिए 553 रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि पहले यह कीमत 503 रुपये थी। हालांकि, सामान्य उपभोक्ताओं की तुलना में इन लाभार्थियों को अभी भी 303 रुपये की सब्सिडी मिल रही है। इस प्रकार, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 303 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव का इतिहास
घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें लगभग एक साल से समायोजित नहीं की गई थीं। पिछली बार मार्च 2024 में, मोदी सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। उसके बाद से, गैस सिलेंडर की कीमतें स्थिर रही थीं। अब, लगभग एक साल बाद, सरकार ने फिर से कीमतों में बदलाव किया है, जिससे आम नागरिकों और उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों पर समान रूप से प्रभाव पड़ेगा।
कीमत वृद्धि का कारण क्या है?
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, दिल्ली में एलपीजी की वास्तविक लागत वर्तमान में 1,028.50 रुपये प्रति सिलेंडर है। हालांकि, अब तक सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने कीमतों को नियंत्रित किया था। कम कीमतों पर गैस बेचने के कारण, सरकारी स्वामित्व वाले उद्योग को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 41,388 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मंत्री ने कहा, “प्रति सिलेंडर 50 रुपये की यह वृद्धि केवल भविष्य के नुकसान को कवर करेगी। पिछले नुकसान की भरपाई के लिए, पेट्रोलियम मंत्रालय वित्त मंत्रालय से बजटीय सहायता मांगेगा।” उन्होंने यह भी बताया कि एलपीजी की कीमतों की मासिक समीक्षा की जाएगी और भविष्य में एलपीजी की कीमतों को कम रखने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठाएगी।
आम नागरिकों पर प्रभाव
इस मूल्य वृद्धि का सबसे अधिक प्रभाव आम नागरिकों पर पड़ेगा, जो पहले से ही बढ़ती महंगाई से जूझ रहे हैं। विशेषकर मध्यम वर्ग के परिवारों और निम्न आय वर्ग के लोगों को इस वृद्धि का सीधा असर महसूस होगा। एक औसत परिवार प्रति माह एक से दो सिलेंडर का उपयोग करता है, जिससे उनके मासिक बजट पर 50 से 100 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
गृहिणियों का कहना है कि गैस की कीमतों में यह वृद्धि उनके घरेलू बजट को और अधिक प्रभावित करेगी। पहले से ही खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ चुकी हैं, और अब गैस सिलेंडर के दामों में भी वृद्धि होने से परिवारों पर आर्थिक दबाव और बढ़ जाएगा।
उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों पर प्रभाव
उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए, जिनमें मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं शामिल हैं, यह मूल्य वृद्धि विशेष रूप से चिंताजनक है। इन लाभार्थियों को पहले 503 रुपये में सिलेंडर मिलता था, जो अब बढ़कर 553 रुपये हो गया है। हालांकि सरकार की ओर से 303 रुपये की सब्सिडी अभी भी मिल रही है, लेकिन 50 रुपये की यह अतिरिक्त लागत कई गरीब परिवारों के लिए बोझ बन सकती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां आय का स्तर शहरी क्षेत्रों की तुलना में कम है, यह मूल्य वृद्धि घरेलू बजट को प्रभावित कर सकती है। कई महिलाओं ने इस वृद्धि पर नाराजगी व्यक्त की है और कहा है कि यह उनके परिवार के खाद्य खर्च को प्रभावित करेगी।
तेल कंपनियों पर प्रभाव
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों के लिए, यह मूल्य वृद्धि उनके वित्तीय दबाव को कम करने में थोड़ी मदद करेगी। हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री के अनुसार, 50 रुपये की यह वृद्धि केवल भविष्य के नुकसान को कवर करेगी और पिछले नुकसान की भरपाई नहीं करेगी।
तेल कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान उठाया है, क्योंकि वे सरकारी निर्देशों के अनुसार कम कीमतों पर एलपीजी प्रदान कर रही थीं। वित्त वर्ष 2024-25 में, इन कंपनियों को 41,388 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जो उनके संचालन और निवेश क्षमताओं पर प्रभाव डालता है।
पेट्रोलियम मंत्री ने संकेत दिया है कि एलपीजी की कीमतों की मासिक समीक्षा की जाएगी और भविष्य में एलपीजी की कीमतों को कम रखने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठाएगी। यह दर्शाता है कि सरकार एलपीजी की कीमतों की निगरानी कर रही है और आम नागरिकों पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के प्रयास कर सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों और रुपये की विनिमय दर के आधार पर, भविष्य में एलपीजी की कीमतों में और बदलाव हो सकते हैं। यदि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं या कम होती हैं, तो सरकार एलपीजी की कीमतों में कमी कर सकती है।
घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये की वृद्धि आम नागरिकों और उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों दोनों के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा करती है। हालांकि, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अभी भी 303 रुपये की सब्सिडी मिल रही है, जो उन्हें सामान्य उपभोक्ताओं की तुलना में कम कीमत पर गैस सिलेंडर प्राप्त करने की अनुमति देती है।
सरकार को एलपीजी की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए अधिक सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है, विशेष रूप से उन परिवारों के लिए जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। साथ ही, तेल विपणन कंपनियों को भी अपने संचालन को अधिक कुशल बनाने की आवश्यकता है, ताकि वे कम लागत पर एलपीजी प्रदान कर सकें।
अंत में, नागरिकों को भी अपने गैस उपयोग में कुशलता लाने और ऊर्जा संरक्षण के उपायों को अपनाने की आवश्यकता है, ताकि वे अपने ऊर्जा बिलों पर नियंत्रण रख सकें और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकें।