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घर खरीदना हुआ सस्ता! SBI ने होम लोन के ब्याज दर में कटौती का किया ऐलान, जानिए कितना कम देना होगा EMI updates

EMI updates आज के महंगाई के दौर में घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। लेकिन यह सपना पूरा करने के लिए ज्यादातर लोगों को होम लोन लेना पड़ता है। अगर आप भी होम लोन लेने की सोच रहे हैं या पहले से ही एसबीआई से होम लोन ले चुके हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपनी होम लोन ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है, जिससे लाखों ग्राहकों को बड़ी राहत मिलने वाली है।

क्या है नई घोषणा?

एसबीआई ने अपने एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) और रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 0.25 प्रतिशत (25 बेसिस प्वाइंट) की कटौती करने का फैसला किया है। यह कटौती 15 फरवरी 2025 से प्रभावी होगी। इस कदम से न केवल होम लोन बल्कि अन्य प्रकार के लोन लेने वाले ग्राहकों को भी मासिक ईएमआई (EMI) में राहत मिलेगी।

ब्याज दरों में कटौती का कारण

यह कटौती भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में की गई रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कमी के कारण हुई है। रिजर्व बैंक के इस कदम के बाद विभिन्न बैंकों ने अपनी ब्याज दरों को समायोजित करना शुरू कर दिया है, जिसमें एसबीआई सबसे आगे है। यह कदम देश की अर्थव्यवस्था को गति देने और उपभोक्ताओं के लिए लोन सस्ता करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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नई ब्याज दरें क्या हैं?

एसबीआई द्वारा की गई 0.25 प्रतिशत की कटौती के बाद, नई ब्याज दरें निम्नलिखित हैं:

  • एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR): पहले 9.15% थी, अब घटकर 8.90% हो गई है।
  • रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR): पहले 8.75% थी, अब घटकर 8.50% हो गई है।

हालांकि, बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR), बेस रेट और बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) में कोई बदलाव नहीं किया है। इसका मतलब है कि जिन ग्राहकों का लोन इन दरों पर आधारित है, उन्हें अभी कोई राहत नहीं मिलेगी।

EMI पर क्या होगा असर?

ब्याज दरों में कटौती का सीधा असर आपकी मासिक ईएमआई पर पड़ेगा। यह प्रभाव दो तरह से हो सकता है:

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  1. ईएमआई की राशि में कमी: ब्याज दर कम होने से आपकी मासिक ईएमआई की राशि कम हो सकती है, जिससे आपके मासिक वित्तीय बोझ में कमी आएगी।
  2. लोन अवधि में कमी: अगर आप चाहें तो ईएमआई की राशि को यथावत रखकर लोन की अवधि को कम कर सकते हैं, जिससे आप अपना लोन जल्दी चुका सकेंगे और ब्याज के रूप में कम भुगतान करेंगे।

एक उदाहरण से समझें:

मान लीजिए आपने 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए 9.15% की ब्याज दर पर लिया था। इस स्थिति में आपकी मासिक ईएमआई लगभग 27,209 रुपये होगी।

अब, ब्याज दर घटकर 8.90% होने के बाद, यदि लोन की अवधि वही रहती है, तो आपकी नई ईएमआई लगभग 26,667 रुपये होगी। यानी आपको हर महीने लगभग 542 रुपये की बचत होगी। 20 साल की अवधि में यह बचत लगभग 1.30 लाख रुपये होगी।

वैकल्पिक रूप से, यदि आप अपनी ईएमआई 27,209 रुपये ही रखते हैं, तो आपका लोन लगभग 18 साल और 10 महीने में चुक जाएगा, यानी आपको लगभग 1 साल और 2 महीने पहले लोन चुकाने का फायदा मिलेगा।

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किन ग्राहकों को मिलेगा लाभ?

ब्याज दरों में इस कटौती का लाभ निम्नलिखित ग्राहकों को मिलेगा:

  1. फ्लोटिंग रेट होम लोन वाले ग्राहक: जिन ग्राहकों का होम लोन EBLR या RLLR पर आधारित है, उन्हें ईएमआई में तत्काल राहत मिलेगी। फ्लोटिंग रेट लोन में ब्याज दरें बाजार की स्थिति के अनुसार समय-समय पर बदलती रहती हैं।
  2. नए लोन लेने वाले ग्राहक: जो ग्राहक 15 फरवरी 2025 के बाद नया होम लोन लेंगे, उन्हें शुरू से ही कम ब्याज दरों का लाभ मिलेगा।
  3. अन्य खुदरा लोन ग्राहक: पर्सनल लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन जैसे अन्य खुदरा लोन पर भी ब्याज दरों में कमी आ सकती है, जिससे इन लोन के ग्राहकों को भी राहत मिलेगी।

किन ग्राहकों को नहीं मिलेगा लाभ?

निम्नलिखित ग्राहकों को इस ब्याज दर कटौती का लाभ नहीं मिलेगा:

  1. फिक्स्ड रेट लोन वाले ग्राहक: जिन ग्राहकों ने फिक्स्ड रेट पर होम लोन लिया है, उनकी ब्याज दर लोन की पूरी अवधि के लिए तय होती है, इसलिए उन्हें इस कटौती का फायदा नहीं मिलेगा।
  2. MCLR पर आधारित लोन वाले ग्राहक: चूंकि एसबीआई ने अपने MCLR में कोई बदलाव नहीं किया है, इसलिए MCLR पर आधारित लोन वाले ग्राहकों को अभी कोई राहत नहीं मिलेगी।
  3. बेस रेट या BPLR पर आधारित लोन वाले ग्राहक: इन रेट्स में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है, इसलिए इन पर आधारित लोन वाले ग्राहकों को भी कोई फायदा नहीं होगा।

क्या करें मौजूदा ग्राहक?

अगर आप पहले से ही एसबीआई या किसी अन्य बैंक से होम लोन ले चुके हैं, तो आपके लिए कुछ सुझाव हैं:

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  1. अपने लोन की जानकारी प्राप्त करें: सबसे पहले पता करें कि आपका लोन किस ब्याज दर पर आधारित है – EBLR, RLLR, MCLR, बेस रेट या BPLR। यह जानकारी आपके लोन दस्तावेजों में मिल सकती है या आप अपनी ब्रांच या कस्टमर केयर से संपर्क कर सकते हैं।
  2. लोन रीफाइनेंसिंग पर विचार करें: अगर आपका लोन MCLR, बेस रेट या BPLR पर आधारित है और आप EBLR या RLLR पर स्विच करना चाहते हैं, तो अपने बैंक से बात करें। यह आपको कम ब्याज दर का फायदा दिला सकता है। हालांकि, इसके लिए कुछ प्रोसेसिंग फीस देनी पड़ सकती है।
  3. अन्य बैंकों की तुलना करें: अगर कोई दूसरा बैंक एसबीआई से भी कम ब्याज दर पर होम लोन दे रहा है, तो आप लोन ट्रांसफर (बैलेंस ट्रांसफर) का विकल्प भी देख सकते हैं। इससे आप अपना मौजूदा लोन बंद करके नए बैंक से कम ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं।
  4. पार्ट-पेमेंट का लाभ उठाएं: अगर आपके पास अतिरिक्त राशि है, तो आप लोन का पार्ट-पेमेंट कर सकते हैं। ब्याज दरों में कमी आने के बाद पार्ट-पेमेंट करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे आपकी मूल राशि (प्रिंसिपल) कम होगी और आप ब्याज के रूप में कम भुगतान करेंगे।

क्या है एसबीआई की भविष्य की योजना?

एसबीआई के अनुसार, यह ब्याज दर कटौती उनकी ग्राहक-केंद्रित रणनीति का हिस्सा है। बैंक भविष्य में भी आरबीआई के फैसलों और बाजार की स्थिति के अनुसार अपनी ब्याज दरों में समायोजन कर सकता है।

इसके अलावा, एसबीआई ग्राहकों को होम लोन के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी प्रदान कर रहा है, जैसे:

  • कम प्रोसेसिंग फीस: कुछ विशेष अवसरों पर प्रोसेसिंग फीस में छूट।
  • ऑनलाइन आवेदन की सुविधा: घर बैठे लोन के लिए आवेदन करने की सुविधा।
  • टॉप-अप लोन: मौजूदा होम लोन ग्राहकों के लिए अतिरिक्त लोन की सुविधा।
  • प्री-पेमेंट पर कोई शुल्क नहीं: फ्लोटिंग रेट होम लोन पर प्री-पेमेंट या फोरक्लोजर के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं।

एसबीआई द्वारा होम लोन ब्याज दरों में की गई यह कटौती निश्चित रूप से ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर है। इससे न केवल नए होम लोन लेने वालों को फायदा होगा, बल्कि मौजूदा ग्राहकों को भी अपनी ईएमआई में कमी या लोन अवधि में कटौती का लाभ मिलेगा।

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अगर आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह एक अच्छा समय हो सकता है। ब्याज दरों में कमी आने से लोन की कुल लागत कम होगी और आपका सपना आपके बजट के भीतर आ सकता है।

और अगर आप पहले से ही होम लोन चुका रहे हैं, तो अपने लोन की शर्तों की समीक्षा करें और देखें कि आप इस कटौती का अधिकतम लाभ कैसे उठा सकते हैं। आप अपने मौजूदा बैंक से बात कर सकते हैं या किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श ले सकते हैं।

याद रखें, होम लोन एक दीर्घकालिक प्रतिबद्धता है, और ब्याज दरों में छोटी-सी कमी भी लंबे समय में बड़ा अंतर ला सकती है। इसलिए, अपने विकल्पों का मूल्यांकन करें और अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार सर्वोत्तम निर्णय लें।

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